कर्मचारी संक्रमित, अस्पताल असुरक्षित
जिला अस्पताल से संबंधित तीन लोग पॉजिटिव हो चुके हैं। आज न फिजिकल डिस्टेंसिग दिखी और न ही कोई स्क्रीनिग।
एटा, जागरण संवाददाता। कोविड-19 के मामले में जिला अस्पताल असुरक्षित हो गया है। हाल ही में यहां तीन कर्मचारी पॉजिटिव मिल चुके हैं। इसके बावजूद मरीजों को संक्रमण से बचाने के लिए नियमों का पालन नहीं किया और कराया जा रहा है।
हाल ही में जिला अस्पताल के एक चीफ फार्मासिस्ट और एक प्रशिक्षु फार्मासिस्ट कोरोना पॉजिटिव आए हैं। मंगलवार को एक अन्य कर्मचारी भी जांच में संक्रमित पाया गया। वह भर्ती मरीजों को भोजन वितरित करता था। इसे लेकर मरीजों और तीमारदारों में बेचैनी की स्थिति है। लेकिन एक के बाद एक तीन लोगों के संक्रमित मिलने पर भी अस्पताल प्रशासन में कोई सतर्कता नजर नहीं आ रही। नियमानुसार अस्पताल में कोविड हैल्प डेस्क होनी चाहिए। अस्पताल में प्रवेश करने वाले हर व्यक्ति की थर्मल स्क्रीनिग, हैंड सैनिटाइजेशन, मुंह पर मास्क की व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिए। साथ ही अस्पताल के अंदर प्रवेश करने वाले मरीजों के बीच फिजिकल डिस्टेंसिग भी होनी चाहिए। लेकिन अस्पताल की ओपीडी में यह डेस्क नजर नहीं आती। अधिकांश मरीज बिना मास्क के ही दिखाई देते हैं, जिन्हें लेकर कोई रोक-टोक नहीं है। साथ ही भीड़ के दबाव के कारण मरीज एक-दूसरे से निश्चित दूरी बनाने में भी असमर्थ रहते हैं। सीएमएस डॉ. राजेश अग्रवाल का कहना है कि कोविड-19 को लेकर जिला अस्पताल में सतर्कता बरती जा रही है। कर्मचारियों को भी निर्देश दिए गए हैं। मरीजों की अधिक भीड़ के कारण कभी-कभी अव्यवस्था हो जाती है।
संदिग्ध मरीजों के लिए नहीं अलग व्यवस्था: जिला अस्पताल की पैथोलॉजी लैब की व्यवस्थाओं में भी झोल नजर आ रहा है। सामान्य लैब से चंद कदम दूर कोविड लैब बनाई गई है। लेकिन कोरोना के संदिग्ध रोगियों को अलग बैठाने की कोई व्यवस्था नहीं है। रिपोर्ट मिलने तक ये अन्य सामान्य मरीजों के साथ ही भीड़ में शामिल रहते हैं। जिससे अन्य लोगों में भी संक्रमण फैलने का खतरा बना रहता है।