शहर में पाइप लाइन से मिलेगी गैस
शहर में जल्द ही गैस पाइप लाइन बिछाने का काम शुरू हो जाएगा। एटा में इसकी मंजूरी मिल गई है। जल्दी ही इसका काम शुरू हो जाएगा।
जागरण संवाददाता, एटा: शहर में जल्द ही गैस पाइप लाइन बिछाने का काम शुरू हो जाएगा। केंद्र सरकार से गैस पाइपलाइन योजना के तहत स्वीकृत किए गए शहरों में एटा का भी नाम शामिल है। इसका सर्वे शुरू करा दिया गया है। इसी साल काम शुरू होना है।
सरकार ने 129 जिलों में गैस पाइपलाइन प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है। अलग-अलग 65 भौगोलिक क्षेत्र बनाकर यह काम किया जाएगा। यहां एटा के साथ फर्रुखाबाद और हरदोई को जोड़कर भौगोलिक क्षेत्र बनाया गया है। जिला मुख्यालय पर सबसे पहले प्रक्रिया शुरू होगी। यह काम पूरा होने पर महानगरों की तरह पीएनजी (पाइप्ड नेचुरल गैस) सीधे घर तक पहुंचने की सुविधा मिलने लगेगी। फिलहाल लोगों को सिलेंडर के जरिए रसोई गैस मिलती है। जिसमें काफी असुविधा और लेटलतीफी भी उठानी पड़ती है। इंडियन आयल और अडाणी गैस प्रा.लि. की ओर से सर्वे करने आए असिस्टेंट मैनेजर अभिषेक चौफिन ने बताया कि यहां घरेलू गैस कनेक्शन के अलावा वाहनों के लिए सीएनजी और औद्योगिक क्षेत्रों की संभावनाओं को देखा जाएगा। उसके अनुसार ही आधारभूत संरचना की स्थापना की जाएगी। उन्होंने बताया कि पाइप लाइन के लिए वन, रेलवे, ¨सचाई आदि कई विभागों की अनुमति प्राप्त करना लंबी प्रक्रिया होती है। सबकी अनुमति प्राप्त होने पर कार्य शुरू होने के एक साल के अंदर पूरा हो सकता है।
पहले बनाए जाएंगे सीएनसी पंप
योजना के तहत सबसे पहले सीएनजी (कंप्रेस्ड नेचुरल गैस) पंप स्थापना की बारी आएगी। कंपनी की ओर से इंडियल ऑयल के पेट्रोल पंप स्टेशनों पर ही सीएनजी पंप भी उपलब्ध कराया जाएगा। जहां से लोगों को सीएनजी उपलब्ध हो सकेगी। वर्तमान में जिले में सीएनजी वाहनों की तो भरमार है, लेकिन पंप कोई नहीं है।
औद्योगिक क्षेत्रों को भी दी जाएगी आपूर्ति
औद्योगिक क्षेत्रों में ईंधन की खासी जरूरत होती है। सामान्य तौर पर बॉयलर, भट्टी आदि के लिए कोयले का इस्तेमाल किया जाता है। जिससे प्रदूषण काफी होता है। जबकि गैस के जरिए स्वच्छ ईंधन दिया जाएगा। जिसके तहत शहर के इंडस्ट्रियल एरिया सहित जलेसर के घुंघरू-घंटा उद्योगों में संभावनाओं पर गौर किया जा रहा है।
शहर के बाद कस्बों में भी होगा विस्तार
सबसे पहले काम जिला मुख्यालय पर शहर में ही होगा। इसके बाद धीरे-धीरे इसे आगे बढ़ाया जाएगा। अन्य कस्बों और ग्रामीण क्षेत्रों में भी जरूरत और मांग के अनुसार पाइपलाइन का विस्तार किया जाएगा।