खतरे के निशान की ओर बढ़ती जा रही गंगा की धारा
जागरण संवाददाता, कासगंज: नरौरा बैराज से प्रतिदिन छोड़े जा रहे पानी के कारण गंगा नदी का उफ
जागरण संवाददाता, कासगंज: नरौरा बैराज से प्रतिदिन छोड़े जा रहे पानी के कारण गंगा नदी का उफान पर है और तटवर्ती गांवों की फसली भूमि की ओर घुस चुकी है। मचलती गंगा बाढ़ की ओर संकेत कर रही है। गंगा में पानी का गेज बढ़कर 163.70 जा पहुंचा है।
उफनती गंगा का जल अब बेकाबू होता नजर आ रहा है। बैराजों से छोड़े जा रहे पानी से गंगा का जलस्तर बढ़ता ही जा रहा है। शुक्रवार को भले ही गंगा के जलस्तर में गुरुवार के सापेक्ष 10 सेंटीमीटर की बढ़ोत्तरी हुई लेकिन इसी बढ़ोत्तरी से हालात बिगड़ते दिख रहे है। सोरों क्षेत्र में गांव दतलाना, बघेल, उढ़ैर पुख्ता, खड़ेरी, लहरा की फसली भूमि की ओर गंगा का पानी बढ़ता ही जा रहा है। ग्रामीण बेचैन हैं। ग्रामीण रात्रि जागकर काट रहे हैं। इधर जिला प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है और तटवर्ती इलाकों में राजस्व विभागों की टीमों ने डेरा डाल लिया है। सिंचाई विभाग के अधिकारी भी तटवर्ती इलाकों का दौरा कर रहे हैं। सभी उपजिलाधिकारी प्रतिदिन दौरा कर जिलाधिकारी को रिपोर्ट सौंप रहे हैं।
एसडीएम ने किया निरीक्षण: पटियाली के उपजिलाधिकारी जेनेंद्र कुमार ने शुक्रवार को कादरगंज घाट और तटवर्ती गांवों का निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि गंगा की बिगड़ती स्थिति देखते हुए पूरी सतर्कता बरती जा रही है। मेहोल बांध का पुन: निर्माण पूरा हो चुका है। किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तैयारियां है।
बैराजों से पानी का डिस्चार्ज: शुक्रवार को सुबह हरिद्वार बैराज से 519988, बिजनौर से 93972, नरौरा से 166149 क्सूसेक पानी का डिस्चार्ज गंगा में किया गया है। गंगा का गेज कछला ब्रिज पर 163.70 रिकार्ड किया गया है।
आबादी में घुस गया था पानी:
वर्ष 2013 में जब गंगा नदी ने अपना रौद्र रूप धारण किया तो कछला ब्रिज पर 163.70 मीटर पर गंगा होने की स्थिति में गंगा का पानी तटवर्ती गांवों की आबादी में भी जा घुसा था।
पुलिस भी कर रही निगरानी: गंगा की स्थिति को देखते हुए पुलिस भी सतर्क है। पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार सिंह ने तटवर्ती इलाकों के थानाध्यक्षों को निर्देश दिए हैं कि वे ग्रामीणों की सुरक्षा को लेकर सतर्क रहें और ग्रामीणों से संपर्क बनाए रखें।
बस खतरे के निशान से कुछ ही दूरी: कछला गंगा नदी में पानी का दवाब इतना बढ़ गया है कि खतरे का निशान बस कुछ ही दूरी पर रह गया है। खतरे का निशान 165 मीटर पर है और गंगा नदी 163.70 मीटर पर बह रही है। यदि यह धारा खतरे के निशान तक पहुंचेगी तो निश्चित ही तबाही होगी।
जिलाधिकारी आरपी सिंह बताया कि सभी उपजिलाधिकारी निगरानी बनाए हुए हैं। पल पल की जानकारी अधीनस्थों से ली जा रही है।