67 साल में सिर्फ दो बार मिला मुस्लिमों को मौका
एटा राजीव वर्मा। एटा के 67 वर्षीय संसदीय इतिहास में 16 बार हुए लोकसभा चुनाव में सिर्फ दो बार मुस्लिम उम्मीदवारों को यहां की जनता ने चुना। हालांकि इसके बाद भी कई मुस्लिम उम्मीदवार चुनाव लड़े लेकिन फतह हासिल नहीं हो सकी। वर्ष 1980 में एटा सीट पर कांग्रेस से मुशीर अहमद खां जीते थे जबकि 1984 में लोकदल के महफूज अली खां उर्फ प्यारे मियां ने विजय दर्ज कराई।
एटा, राजीव वर्मा। एटा के 67 वर्षीय संसदीय इतिहास में 16 बार हुए लोकसभा चुनाव में सिर्फ दो बार मुस्लिम उम्मीदवारों को यहां की जनता ने चुना। हालांकि इसके बाद भी कई मुस्लिम उम्मीदवार चुनाव लड़े, लेकिन फतह हासिल नहीं हो सकी। वर्ष 1980 में एटा सीट पर कांग्रेस से मुशीर अहमद खां जीते थे, जबकि 1984 में लोकदल के महफूज अली खां उर्फ प्यारे मियां ने विजय दर्ज कराई।
मुशीर अहमद खां गांधी परिवार के काफी नजदीक थे। वर्ष 1980 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने उन्हें उम्मीदवार बनाया और वे सांसद बने। वर्ष 1984 में जब इंदिरा गांधी की हत्या हो गई तो कांग्रेस के पक्ष में लहर चल पड़ी। ऐसे में कांग्रेसियों को पूरी उम्मीद थी कि मुशीर मियां चुनाव जीत जाएंगे, लेकिन उनकी टक्कर लोकदल के उम्मीदवार महफूज अली खां उर्फ प्यारे मियां से थी। उस समय दोनों पार्टियों के बूढ़े शेर चुनाव लड़ रहे थे जोकि मुस्लिम थे। इसलिए मुकाबला बेहद दिलचस्प था। चुनाव नतीजे जब सामने आए तो मात्र 1300 वोटों के अंतर से प्यारे मियां ने मुशीर को हरा दिया। इनके अलावा हर मुस्लिम उम्मीदवार को पूर्व के लोकसभा चुनावों में पराजय का ही सामना करना पड़ा।
एटा लोकसभा सीट पर कांग्रेस, लोकदल के अलावा बसपा, नेलोपा, जनता दल आदि पार्टियों ने अपने-अपने प्रत्याशी उतारे लेकिन उनके पक्ष में जनता ने अपना फैसला नहीं दिया। वर्ष 1980 में जिस तरह से दो मुस्लिम उम्मीदवारों में टक्कर हुई थी, उसी तरह से वर्ष 1989 में भी दो मुस्लिम उम्मीदवार जनता दल से प्यारे मियां और कांग्रेस से सलीम इकबाल शेरवानी चुनाव लड़े थे, लेकिन ये दोनों भाजपा के डा. महादीपक सिंह शाक्य के आगे नहीं टिक पाए। सलीम के पिता मुस्तफा रशीद शेरवानी ने भी एटा से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा था, वो भी हार गए थे। दोनों मुस्लिम उम्मीदवारों को हार का सामना करना पड़ा। आगे चलकर बसपा ने दो बार मुस्लिम उम्मीदवारों पर दांव लगाया, लेकिन हर बार उसे हार ही मिली। पिछले लोकसभा चुनावों में मुस्लिम उम्मीदवारों की स्थिति
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वर्ष नाम पार्टी जीत-हार
1977 मुस्तफा रशीद शेरवानी कांग्रेस हारे
1980 मुशीर अहमद खां कांग्रेस जीते
1984 महफूज अली खां लोकदल जीते
1989 महफूज अली खां जनता दल हारे
1989 सलीम इकबाल शेरवानी कांग्रेस हारे
1998 सुल्तान सेठ बसपा हारे
2009 मुनब्बर हुसैन नेलोपा हारे
2014 इंजी. नूर मोहम्मद बसपा हारे