शहर में बेधड़क दौड़ रहे ई-रिक्शा
जागरण संवाददाता, एटा : न कोई लाइसेंस, न रजिस्ट्रेशन, ड्राइ¨वग सीट पर बैठे बच्चे। एटा की सडकों पर बेखौफ ई रिक्शा दौड रहे हैं।
जागरण संवाददाता, एटा : न कोई लाइसेंस, न रजिस्ट्रेशन, ड्राइ¨वग सीट पर बैठे बच्चे, बूढ़े और जवान। हिचकोले खाती सवारियां, जगह-जगह वाहनों की लंबी कतार, इस सबका कारण ई-रिक्शा हैं। सड़कों पर बेतरतीब संचालन की वजह से यहां दिनभर जाम लगता है और हादसों की तादाद भी बढ़ रही है। चूंकि इनके चालकों पर कोई अंकुश नहीं है, इसलिए बेरोकटोक ई-रिक्शों को कहीं भी दौड़ा देते हैं। पिछले वर्ष ई-रिक्शा और ऑटो दोनों के लिए मार्ग निर्धारण कर दिया गया था, लेकिन अब इसका पालन नहीं हो रहा। जाम की एक मुख्य वजह यह भी है।
पूर्व में ई-रिक्शा और ऑटो के संचालन के लिए रूट निर्धारित कर दिए गए थे, इसके अलावा इन वाहनों को लोकल व्यवस्था के तहत नंबर आवंटित कर दिए गए कि किस नंबर का वाहन किस रूट पर चलेगा। यह सब कुछ तय हो चुका था, लेकिन इसका पालन दो-तीन महीने तक ही हुआ और अब कोई रोक-टोक नहीं है। कोई भी ई-रिक्शा किसी भी रूट की सवारियां बैठाकर चल देता है। नगर में ई-रिक्शा का संचालन तेजी से बढ़ा है, इससे जाम की समस्या बढ़ गई। पूर्व में यातायात पुलिस ने सुगम यातायात के लिए कदम उठाया था, इसके लिए बैठक आयोजित की गई जिसमें ई-रिक्शा पर चार सवारी से अधिक लेकर चलने पर प्रतिबंध लगाया था। चालकों को पुलिस ने हिदायत दी थी कि वह अपने पीछे छह सवारी न बैठा कर चार सवारी ही बैठाएं। जबकि अपने अगल-बगल भी अब वह सवारी नहीं बैठा सकेंगे। इसका उल्लंघन करने वाले चालकों से यातायात पुलिस सख्ती के साथ निपटेगी। यह आदेश धरे रह गए। अधिकारियों की सुस्ती किसी समय भी भारी पड़ सकती है। अगर ई-रिक्शा से कोई हादसा होता है तो इसके लिए जिम्मेदार कौन है, यह सवाल बना हुआ है।