डीएम ने पकड़ा पालिका में हाजिरी का गोलमाल
एटा जासं। नगरपालिका में हाजिरी का बड़ा गोलमाल चल रहा है। कई कर्मचारी ड्यूटी करने कई-कई दिन तक नहीं आते। पिछली हाजिरी तो छोड़िए एडवांस में भी हस्ताक्षर कर दिए जाते हैं। शुक्रवार को जब निरीक्षण के लिए डीएम पहुंचे तो यह स्थिति देख चौंक गए। आधा दर्जन कर्मचारी गैरहाजिर थे। सफाई निरीक्षक लंबे समय से गायब थे जबकि संपत्ति लिपिक की तो हाजिरी अगले दिन तक की दर्ज थी। दोनों को निलंबित और अन्य चार कर्मचारियों का वेतन रोकने के निर्देश दिए गए हैं।
एटा, जासं। नगरपालिका में हाजिरी का बड़ा गोलमाल चल रहा है। कई कर्मचारी ड्यूटी करने कई-कई दिन तक नहीं आते। पिछली हाजिरी तो छोड़िए, एडवांस में भी हस्ताक्षर कर दिए जाते हैं। शुक्रवार को जब निरीक्षण के लिए डीएम पहुंचे, तो यह स्थिति देख चौंक गए। आधा दर्जन कर्मचारी गैरहाजिर थे। सफाई निरीक्षक लंबे समय से गायब थे, जबकि संपत्ति लिपिक की तो हाजिरी अगले दिन तक की दर्ज थी। दोनों को निलंबित और अन्य चार कर्मचारियों का वेतन रोकने के निर्देश दिए गए हैं।
दोपहर के समय अचानक डीएम सुखलाल भारती और एडीएम प्रशासन केपी सिंह नगर पालिका पहुंच गए। यहां कार्यालय में इक्का-दुक्का कर्मचारी ही नजर आ रहे थे। अधिकांश पटल खाली पड़े थे। कुल मिलाकर छह कर्मचारी गैरहाजिर थे। इनमें सफाई निरीक्षक मेघसिंह लंबे समय से अनुपस्थित मिले। जबकि संपत्ति लिपिक यशवीर सिंह की शनिवार तक की हाजिरी दर्ज थी। इन दोनों को निलंबित करने तथा अन्य चारों का वेतन रोकने के निर्देश दिए। हालत देख बोले यह तो नरक पालिका
नगर पालिका कार्यालय की बदतर स्थिति पर डीएम ने इसे नरक पालिका की संज्ञा दे दी। जगह-जगह गंदगी, जाले, रंगाई-पुताई का अभाव, गुटखा आदि थूकने के निशान देख डीएम ने व्यवस्थाओं पर असंतुष्टि जताई। कहा कि जब नगरपालिका कार्यालय का यह हाल है तो इससे शहर में सफाई की उम्मीद भला कैसे की जा सकती है? खातों में 18 करोड़ तब यह हाल
निरीक्षण के दौरान पालिकाध्यक्ष के प्रतिनिधि राकेश गांधी भी वहां पहुंच गए। डीएम ने नगरपालिका कार्यालय की स्थिति और शहर में विकास कार्यो को लेकर उन पर सवाल दाग दिए। बोले कि पालिका के खातों में 18 करोड़ से अधिक रुपया पड़ा है, इसके बावजूद यह हाल है। काम क्यों नहीं कराया जा रहा है? ठेकेदारों ने रोया भुगतान का दुखड़ा
इस दौरान पालिका के कई ठेकेदार भी इकट्ठे हो गए। बताया कि तीन-तीन साल पुराने भुगतान नहीं हुए हैं। सड़कें व अन्य निर्माण कराए। सब कुछ विधिक रूप से नियम-शर्तों के तहत हुआ, इसके बावजूद निर्धारित धनराशि चुकाने में हीलाहवाली की जा रही है। डीएम ने इसे जिम्मेदारों की कमी बताते हुए समाधान का आश्वासन दिया।