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साले ने भाड़े के शूटरों से कराई थी शिक्षक सचिन की हत्या

चर्चित शिक्षक सचिन हत्याकांड का पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया। सगे साले

By JagranEdited By: Published: Sun, 09 Feb 2020 10:17 PM (IST)Updated: Mon, 10 Feb 2020 06:06 AM (IST)
साले ने भाड़े के शूटरों से कराई थी शिक्षक सचिन की हत्या
साले ने भाड़े के शूटरों से कराई थी शिक्षक सचिन की हत्या

एटा, जागरण संवाददाता : चर्चित शिक्षक सचिन हत्याकांड का पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया। सगे साले ने भाड़े के शूटरों से सुपारी देकर हत्या कराई थी। ढाई लाख रुपये की सुपारी शूटरों को दी गई। पुलिस ने साले और दोनों शूटरों को गिरफ्तार कर लिया। हत्या के पीछे शिक्षक की आशिक मिजाजी वजह बनी।

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पांच दिसंबर 2019 को शिक्षक सचिन सोलंकी निवासी शांतिनगर की उस वक्त गोली मारकर एटा-कासगंज रोड पर बीमनगर आवासीय कॉलोनी के पास हत्या कर दी गई थी, जब वे अपने विद्यालय गांव विजयपुर बाइक से जा रहे थे। बीमनगर के पास शूटर धर्मेंद्र निवासी मौजमपुर थाना सोरों कासगंज और बॉबी निवासी कुंवरपुर थाना सहावर कासगंज ने उन्हें रोक लिया। दोनों पहले से ही सचिन से परिचित थे। तीनों आपस में बातचीत करने लगे। तभी शूटरों ने सचिन को गोली मार दी, जिससे मौके पर ही उनकी मौत हो गई। इसके बाद मृतक के बड़े साले धैर्य प्रताप ने अज्ञातों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करा दी। इंस्पेक्टर इंद्रेशपाल सिंह ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस के मुताबिक यह शूटर सुपारी की बची हुई रकम सवा लाख रुपये सचिन के साले सूर्यप्रताप उर्फ रिकू से लेने आए थे। पूछताछ में शूटरों ने पुलिस को जानकारी दी कि सूर्यप्रताप ने ढाई लाख की सुपारी देकर हत्या कराई थी। इसके बाद पुलिस ने सूर्यप्रताप को भी गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में उसने कबूला कि उसके बहनोई का चाल चलन ठीक नहीं था, जिसकी वजह से वह क्षुब्ध था। सहावर तहसील में तय हुई थी डील एसएसपी सुनील कुमार सिंह ने प्रेस कॉन्फेंस में बताया कि सूर्यप्रताप और शूटरों के बीच डील सहावर तहसील में हुई थी। वहीं हत्या का तानाबाना बुना गया। 5 दिसंबर को दोनों शूटर बाइक से एटा पहुंचे और बीमनगर के पास गोली मारकर सचिन की हत्या कर दी। हत्यारों ने गोली मारने के बाद सचिन की जैकेट की चैन ऊपर तक चढ़ा दी, जिससे जख्म बाहर से दिखाई नहीं दे रहा था। जो शूटर पकड़े गए हैं, वे हत्या की दो वारदातों में पहले भी शामिल रहे हैं। हत्या के बाद घटना स्थल पर पहुंचा साला सचिन की हत्या की साजिश रचने वाला उनका सगा साला सूर्यप्रताप सचिन की मौत होते ही घटना स्थल पर पहुंच गया। उसका मोबाइल लोकेशन भी सीसीटीवी फुटेज के समय और पहुंचने का समय पुलिस को पता चल गया। इससे वह शक के दायरे में था, लेकिन पुलिस शूटर के इंतजार में थी। इस कारण पर्दाफाश में देरी हुई। एक शिक्षिका से भी हुई पूछताछ

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पुलिस ने एक शिक्षिका को भी सचिन हत्याकांड के पर्दाफाश के लिए ट्रेस किया, लेकिन वह हत्या में शामिल नहीं थी। इस शिक्षिका से पुलिस ने पूछताछ भी की थी। एसएसपी ने बताया कि सचिन फाइनेंसर थे, उनका कुछ पैसा शहर की महिलाओं पर भी उठा हुआ था, लेकिन हत्या की वजह आर्थिक लेनदेन नहीं है। पिता ने खड़े किए सवाल

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शिक्षक हत्याकांड का पर्दाफाश होने पर सचिन के पिता ने सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य पृथ्वीराज सिंह सोलंकी ने असंतुष्टता दिखाई है। उन्होंने कहा कि बारीकी से जांच होती तो और गुनहगार भी सामने आ सकते थे। उनके बेटे को वहां नहीं मारा गया, जहां शव मिला। सिर्फ दो लोगों ने कैसे हत्या कर दी और उन्हें भीड़भाड़ वाले इलाके में इतना समय कैसे मिल गया कि उन्होंने सचिन की जैकेट की चैन लगा दी। हेलमेट, चश्मा तक लगा दिया, घटना स्थल पर खून की बूंद तक नहीं थी। सचिन के साले ने हमें कभी नहीं बताया कि उनके बेटे का चाल चलन ठीक नहीं।


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