क्षमा याचना के साथ निकली देव, शास्त्र व गुरु की सवारी
एटा जासं। जैन समाज के प्रमुख पर्व पर्यूषण के उपरांत शुरू हुए दो दिवसीय मेला महोत्सव का शनिवार को क्षमा वाणी के साथ समापन हो गया। इस दिवस जहां घंटाघर मेला पंडाल में एक-दूसरे के गले मिलकर श्रावक-श्राविकाओं ने क्षमा याचना की। तदुपरांत रथयात्रा की वापसी धूमधाम के साथ बड़े जैन मंदिर के लिए हुई। क्षमा वाणी पर्व मनाते हुए श्रावक-श्राविका रथयात्रा में भी जमकर झूमे।
एटा, जासं। जैन समाज के प्रमुख पर्व पर्यूषण के उपरांत शुरू हुए दो दिवसीय मेला महोत्सव का शनिवार को क्षमा वाणी के साथ समापन हो गया। इस दिवस जहां घंटाघर मेला पंडाल में एक-दूसरे के गले मिलकर श्रावक-श्राविकाओं ने क्षमा याचना की। तदुपरांत रथयात्रा की वापसी धूमधाम के साथ बड़े जैन मंदिर के लिए हुई। क्षमा वाणी पर्व मनाते हुए श्रावक-श्राविका रथयात्रा में भी जमकर झूमे।
सुबह घंटाघर मेला पंडाल में स्थापित श्रीजी का पूजन अर्चन किया गया। दोपहर में क्षमावाणी पर्व को लेकर समाज के बड़ी संख्या में लोग मौजूद हुए। इस मौके पर मुनि विश्रुत सागर महाराज ने क्षमा के संबंध में बताया कि पर्यूषण पर्व के मध्य किसी भी तरह दूसरों को हानि या वेदना हुई हो। उसे क्षमा के द्वारा समाप्त करने की परंपरा है। क्षमा जैन धर्म का मूल तत्व भी है। जरूरी यह है कि 10 दिनों में श्रावक-श्राविकाओं ने जिन धर्मो का पालन किया, उन्हें वर्षभर आत्मसात कर अपना कल्याण करें।
क्षमावाणी के उपरांत रथयात्रा वापसी शुरू हुई। भगवान पुष्पदंत के रथ के साथ बैंडबाजों पर केसरिया केसरिया गीत की धुनों पर थिरकते नजर आए। जिनवाणी माता के रथ पर भी जयकारों की गूंज गूंजती रही। बैंडबाजों की ध्वनि के साथ जिनवाणी के भजन जैन समाज के अनुयायियों को ही नहीं, सभी धर्मों के अनुयायियों में श्रद्धा और भक्ति का भाव उत्पन्न कर रहे थे। पुष्पदंत भगवान की शोभायात्रा जैन मेला पंडाल घंटाघर से शहर के गोदाम चौकी, कोतवाली नगर, हाथी गेट, सुभाष मूर्ति, बली मुहम्मद चौराहा, मोरध्वज मंदिर जैन गली, महावीर पार्क, नन्नूमल चौराहा, पुलिया गर्वी होते हुए शहर के पुरानी बस्ती स्थित बड़े जैन मंदिर पर पहुंची। इस मौके पर सदर विधायक विपिन वर्मा डेविड, पूर्व विधायक प्रजापालन वर्मा, पूर्व पालिकाध्यक्ष राकेश गांधी, शशिकांत वर्मा सहित अन्य अतिथियों का जैन समाज द्वारा स्वागत किया गया।
शोभायात्रा में पंचायती मंदिर कमेटी अध्यक्ष सुरेशचंद्र जैन, डा. पदमचंद्र जैन, वीरभान जैन, सोना जैन, अंकुर जैन, सुन्नेश जैन एड., कुलदीप जैन, विपिन जैन, गुलाबचंद्र जैन, शैलेंद्र जैन, अनिल जैन, अमित जैन, सुभाषचंद्र जैन, सुरेशचंद्र जैन, नवीन जैन, नरेंद्र जैन, बबलू जैन, सुनील जैन, अपूर्वा जैन, तनु जैन, नीलम जैन, गजेंद्र जैन, विजय जैन आदि जैन समाज के लोग मौजूद थे।