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ब्लड कलेक्शन सेंटर पर डेंगू का इलाज, बालिका की मौत

एटा जासं। डेंगू के मरीजों के साथ किस तरह खिलवाड़ किया जा रहा है इसका एक नमूना गुरुवार को देखने को मिला। एक ब्लड कलेक्शन सेंटर पर झोलाछाप चिकित्सक डेंगू पीड़ित बालिका का तीन दिन से उपचार कर रहा था। जब उसकी हालत बिगड़ गई तो उसने आगरा रेफर करने की सलाह दी लेकिन तब तक बच्ची की मौत हो गई। इसके बाद कार्रवाई के भय से यह चिकित्सक अपनी दुकान बंद कर भाग गया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 24 Oct 2019 10:25 PM (IST)Updated: Fri, 25 Oct 2019 06:08 AM (IST)
ब्लड कलेक्शन सेंटर पर डेंगू का इलाज, बालिका की मौत

एटा, जासं। डेंगू के मरीजों के साथ किस तरह खिलवाड़ किया जा रहा है इसका एक नमूना गुरुवार को देखने को मिला। एक ब्लड कलेक्शन सेंटर पर झोलाछाप चिकित्सक डेंगू पीड़ित बालिका का तीन दिन से उपचार कर रहा था। जब उसकी हालत बिगड़ गई तो उसने आगरा रेफर करने की सलाह दी, लेकिन तब तक बच्ची की मौत हो गई। इसके बाद कार्रवाई के भय से यह चिकित्सक अपनी दुकान बंद कर भाग गया।

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शहर कोतवाली क्षेत्र के गांव शिवसिंहपुर निवासी मुकेश की 12 वर्षीय बेटी डेंगू से पीड़ित थी, उसमें प्रारंभिक लक्षण पाए गए थे। पीपल अड्डा स्थित साक्षी ब्लड कलेक्शन सेंटर का संचालक लक्ष्मण सिंह बालिका का तीन दिन से इलाज कर रहा था, लेकिन बच्ची को कोई लाभ नहीं हुआ और उसकी हालत बिगड़ती चली गई। संचालक ने समय रहते बच्ची को बड़े चिकित्सकों के यहां नहीं जाने दिया। गुरुवार को जब उसकी हालत बिगड़ गई तो ब्लड कलेक्शन सेंटर संचालक ने बालिका के परिजनों को तत्काल आगरा ले जाने की सलाह दी। परिवार वाले उसे ले जाने की तैयारी कर रहे थे, मगर तब तक उसकी मौत हो गई। इस घटना के बाद जब संचालक के यहां भीड़ बढ़ने लगी तो वह क्लीनिक बंद कर भाग निकला। लक्ष्मण सिंह ब्लड कलेक्शन करता है और अनाधिकृत रूप से मरीजों का उपचार कर रहा था। स्वास्थ्य विभाग ने दिया था नोटिस

स्वास्थ्य विभाग की टीम ने ब्लड कलेक्शन सेंटर के संचालक के यहां दो दिन पहले छापा मारा था और उसकी दुकान पर नोटिस चस्पा भी कर दिया था। इस नोटिस का संचालक ने जवाब भी दे दिया, जिसमें लिखा कि वह सिर्फ ब्लड कलेक्शन करता है, लेकिन जब डेंगू पीड़ित बालिका की उसके यहां मौत हो गई तो उसकी पोल खुल गई। तीन मरीज और भर्ती कराए

जिला अस्पताल में तीन मरीज गुरुवार को भर्ती कराए गए, इन सभी ने डेंगू के लक्षण पाए गए हैं, जबकि शिक्षा विभाग के एनपीआरसी गोकुलेंद्र द्विवेदी, शिक्षक विश्वनाथ की पत्नी व बेटे में भी डेंगू की पुष्टि हुई है। उन्हें आगरा, अलीगढ़ के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।


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