तिलावते कुरान के साथ उर्स-ए-कासमी का आगाज
(एटा) मारहरा , जागरण संवाददाता, आज के दौर में दीन के साथ-साथ दुनियाबी तालीम भी जरूरी है। बिना तालीम के किसी भी क्षेत्र में कामयाबी मिलना मुश्किल है।
जागरण संवाददाता,(एटा) मारहरा: आज के दौर में दीन के साथ-साथ दुनियाबी तालीम भी जरूरी है। बिना तालीम के किसी क्षेत्र में कामयाबी हासिल करना मुश्किल है। इसलिए सभी को चाहिए, कि वह अपने बच्चों को अच्छी से अच्छी शिक्षा जरूर दिलाएं। ये कथन खानकाहे बरकातिया दरगाह के सज्जादानशीन सैयद नजीब हैदर नूरी का। उन्होंने 93वें उर्से कासमी के आगाज के मौके पर ये शब्द कहे।
ं तीन दिवसीय उर्से कासमी का आगाज शुक्रवार को बाद नमाजे फज्र हल्का-ए-जिक्रे कादरिया और तिलावते कुरान के साथ किया गया। सैयद अमीन मियां कादरी बरकाती ने तकरीर करते हुए लोगों से इस्लाम के बताये रास्ते पर चलने की बात कही। कानपुर से आये मौलाना वकार अजीजी ने हजरत सैयद शाह कासिम मियां के जीवन चरित्र पर प्रकाश डालते हुए तकरीर कीं।
उर्स के आगाज के बाद सजी महफिले मीलाद में उलेमा-ए-किरामों के साथ साथ मदरसा जामिया अहसनुल बरकात के छात्रों ने अपनी नातोमनकत और तकरीरों से महफिल में जमकर वाहवाही लूटी। मौलवी अबू सालिम और मुहम्मद जाने आलम ने महिलाओं की इज्जत, शिक्षा और बराबरी के अधिकारों के विषय पर तकरीर कीं। मौलाना असलम मिस्बाही, मौलाना इकबाल नूरी, मौलाना फुजैल, कारी मोहम्मद कौशर, मौलाना जियाउल हक बरकाती और मौलाना इरफान अजहरी आदि ने अजमते कुरान पर रौशनी डाली। महफिल की निजामत कारी मोहम्मद इरफान बरकाती ने की। देश-विदेश से आने लगे जायरीन: उर्स में आसपास के जनपदों एवं प्रदेशों के अलावा पाकिस्तान, दुबई, अमेरिका, बांग्लादेश, दक्षिण अफ्रीका एंव ऑस्ट्रेलिया से भी खासी संख्या में जायरीन आ रहे हैं। जिनसे कस्बा की गली मुहल्ले गुलजार हैं। उर्स को शांतिपूर्ण संपन्न कराने को लेकर पुलिस प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट है। सीओ सदर गुरमीत¨सह एवं थानाध्यक्ष सत्यपाल भाटी ने कमान संभाली है।