निक्षय पोर्टल में तारीख पर तारीख, अटकी इमदाद
कभी कचहरी तो कभी दफ्तरों में तारीख पर तारीख का सिलसिला आम है। इस रंग में रंगकर सरकार की तकनीकी व्यवस्थाएं भी तारीखें दे रही हैं। क्षय रोग विभाग का निक्षय पोर्टल तीन महीने से ठप है। मरीजों को मिलने वाली इमदाद अटकी पड़ी है और वे चक्कर काट रहे हैं। लेकिन अगली तारीख के अलावा उन्हें और कुछ नहीं मिल पा रहा।
एटा, जागरण संवाददाता: क्षय रोग से पीड़ित मरीजों को बेहतर खानपान को मिलने वाली इमदाद का मिजाज बिगड़ गया है। बीते तीन महीने से उन्हें यह राशि नहीं मिल पा रही है। विभाग से उन्हें तारीख पर तारीख का ही भरोसा मिल रहा है।
क्षय रोग विभाग ने पिछले साल निक्षय पोषण योजना लागू की थी। इसमें इलाज चलने तक मरीज को 500 रुपये महीने की आर्थिक सहायता देने का प्रावधान है। यह धनराशि सीधे मरीज के खाते में भेजी जाती है। कुछ महीने इसका लाभ मरीजों को मिलता रहा। तीन महीने पहले अचानक से उनको मिलने वाली यह सहायता बंद हो गई। कई दिन तो मरीज देखते रहे, फिर जानकारी लेने जिला क्षय रोग केंद्र पहुंचने लगे। यहां बताया गया कि तकनीक की कुछ समस्या है, फलां तारीख तक पैसा पहुंच जाएगा। इसके बाद फि र तारीख पर तारीख मिल रही हैं। यह हुई गड़बड़ी
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पोर्टल के जरिए घोटाले के बाद यह समस्या आई। करीब चार महीने पहले कई जिलों में पोर्टल पर मरीजों के विवरण से छेड़छाड़ कर खाते बदल दिए गए। इससे मदद की धनराशि मरीजों के पास न पहुंचकर शातिरों के खातों में पहुंच गई। मामला खुला तो इसमें कई कर्मचारी पकड़े गए और पोर्टल को बंद कर दिया गया। ढाई हजार से अधिक मरीजों को इंतजार
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जिले में 4,765 टीबी के मरीज दवा खा रहे हैं। इनमें से करीब ढाई हजार रोगियों ने आर्थिक मदद के लिए अपना विवरण दिया है।
वर्जन
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निक्षय पोषण डीबीटी पोर्टल को सुरक्षा के लिहाज से और मजबूत बनाया जा रहा है। इसमें कई सिक्योरिटी कमांड जोड़ी गई हैं। इससे कि कोई मरीजों के विवरण से छेड़छाड़ न कर सके। एक-दो दिन में पोर्टल शुरू कर दिया जाएगा और मरीजों का पैसा खातों में जाने लगेगा।
- डॉ. सीएल यादव, जिला क्षय रोग अधिकारी