सड़कों पर कांवड़ियों की सतरंगी कतारें
एटा जासं। इन दिनों सड़कों पर कांवड़ियों की सतरंगी कतारें दिखाई दे रही हैं। सोरों से कांवड़ें भरकर यह कांवड़िए राजस्थान मध्यप्रदेश व उत्तर प्रदेश के तमाम जनपदों से अपने मनोती वाले देवस्थानों की ओर जा रहे हैं। यह कांवड़िया गजब के शिवभक्त हैं जो सैकड़ों किलोमीटर की दूरी पैदल चलकर तय कर रहे हैं। महाशिवरात्रि के दिन 4 मार्च को भगवान शिव पर कांवड़िया जलाभिषेक करेंगे।
एटा, जासं। इन दिनों सड़कों पर कांवड़ियों की सतरंगी कतारें दिखाई दे रही हैं। सोरों से कांवड़ें भरकर यह कांवड़िए राजस्थान, मध्यप्रदेश व उत्तर प्रदेश के तमाम जनपदों से अपने मनोती वाले देवस्थानों की ओर जा रहे हैं। यह कांवड़िया गजब के शिवभक्त हैं, जो सैकड़ों किलोमीटर की दूरी पैदल चलकर तय कर रहे हैं। महाशिवरात्रि के दिन 4 मार्च को भगवान शिव पर कांवड़िया जलाभिषेक करेंगे।
नगर के बाजारों से गुजरते कांवड़ियों के बम-बम भोले के स्वर गूंजने लगे है। सोरों से जल लेकर राजस्थान, मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों समेत अन्य स्थानों को जाने वाले कांवड़ियें जब शहरी और कस्बाई इलाकों से गुजरते है तो बम-बम भोले के स्वर फिजा में गूंज उठते हैं। नगर, कस्बा एवं ग्रामीण क्षेत्रों में शिवालयों पर श्रद्धालुओं का मेला लगेगा। इस दिन भगवान शिव का जलाभिषेक किया जाएगा। शनिवार को गंगा घाटों से जल भरकर लाने वाले कांवड़ियों की सड़कों पर खासी भीड़ रही। सड़कों पर दिन भर लंबी कतारें लगी रहीं। श्रद्धालुओं ने लहरा के गंगा घाट से जल भरा और देवस्थानों की ओर चल दिए। दूरस्थ स्थानों के शिवभक्त श्रृद्धालुओं का शाम तक शीशियों में गंगाजल भरकर ले जाने का सिलसिला जारी रहा। महाशिवरात्रि का है अद्भुत संयोग
भगवान शिव के भक्तों के लिए महाशिवरात्रि बड़ी ही महत्वपूर्ण होती है। इस दिन देशभर के शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ लगी रहती है। फाल्गुन मास में आने वाली महाशिवरात्रि कुछ ज्यादा ही खास होती है। इस बार महाशिवरात्रि का पर्व 4 मार्च को सायं 4:28 बजे से आरंभ होगा। दिलचस्प बात यह है कि इस दिन सोमवार पड़ने से अद्भुत संयोग बन रहा है। महाशिवरात्रि का व्रत नक्षत्र के हिसाब से मंगलवार 5 मार्च को रखा जाएगा। इस दिन व्रत रख कर शिव जी की अराधना करने से कई गुना ज्यादा पुण्य प्राप्त होगा। कैसे पूरी होगी मन की मुराद
कहते हैं कि अगर शिवलिंग पर कुछ खास चीजें अर्पित की जाएं तो भगवान शिव से आसानी से मनचाहा वरदान पाया जा सकता है फाल्गुन मास के दिन आने वाली महाशिवरात्रि पर शिव जी और मां पार्वती का विवाह हुआ था। इसलिये इस पर्व को महाशिवरात्रि कहते हैं। शनिवार को गंगा घाटों से जल भरकर लाने वाले कांवड़ियों की सड़कों पर खासी भीड़ रही। सड़कों पर दिन भर लंबी कतारें लगी रहीं।