सीएमओ दफ्तर में सैनिटाइजर और ऑक्सीमीटर की व्यवस्था नहीं
कोविड हेल्प डेस्क पर केवल थर्मल स्क्रीनिग की व्यवस्था संक्रामक रोग नियंत्रण कक्ष के लिए बिना जांच प्रवेश
एटा, जासं। हर सरकारी कार्यालय में कोविड हेल्प डेस्क बनाकर सैनिटाइजर, थर्मल स्कैनर और ऑक्सीमीटर का प्रयोग करने के निर्देश हैं। पूरे जिले के लिए स्वास्थ्य सेवाएं तय करने वाले सीएमओ दफ्तर में ही कोविड हेल्प डेस्क आधी-अधूरी है। यहां आने वाले लोगों की महज थर्मल स्क्रीनिग की जाती है। सैनिटाइजर और ऑक्सीमीटर की व्यवस्था नहीं है।
स्वास्थ्य संबंधी सेवाओं के मामलों में स्वास्थ्य विभाग अन्य सभी विभागों के लिए आदर्श होना चाहिए, लेकिन यहां की ही व्यवस्थाएं मानकों पर खरी नहीं उतर रही है।
बुधवार को जागरण की टीम ने मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय में कोविड गाइड लाइन को लेकर पड़ताल की। मुख्य द्वार से अंदर एक रास्ता संक्रामक रोग कक्ष को जाता है। यह इस समय कोविड कमांड हाउस बना हुआ है। यहां डिप्टी सीएमओ सहित कई चिकित्सक और कर्मचारी बैठे नजर आए। बाहर भी कई लोग मौजूद थे, लेकिन यहां पर आने वाले लोगों का तापमान, ऑक्सीजन लेवल नापने और सैनिटाइज कराने की कोई व्यवस्था नहीं थी। छोटे से कक्ष में कई लोग पास-पास बैठे थे। फिजिकल डिस्टेंसिग का पालन नहीं हो रहा था। इसके आगे के गेट से सीएमओ दफ्तर सहित विभिन्न कार्यालयों तक पहुंचने का रास्ता है। यहां गेट पर कोविड हेल्प डेस्क बनी हुई थी। यहां डिजिटल थर्मल स्कैनर का प्रयोग किया जा रहा था, लेकिन ऑक्सीमीटर और सैनिटाइजर उपलब्ध नहीं था। अंदर भी कुछ दफ्तरों में फिजिकल डिस्टेंसिग का पालन नहीं किया जा रहा था।
कार्यालय आने वाले हर आने वाले व्यक्ति की डिजिटल स्कैनर से थर्मल स्क्रीनिग की जा रही है। अमूमन चलकर आए लोगों का ऑक्सीजन रेट कम नहीं होता है। इसके चलते पल्स ऑक्सीमीटर की जरूरत नहीं है। सैनिटाइजर की अभी कुछ कमी है। जल्द मंगाकर रखवाया जाएगा।
- डॉ. अरविद कुमार गर्ग, सीएमओ