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पूरी सरकार पीड़ित परिवार के साथ: ब्रजेश पाठक

एटा गांव चांदपुर पहुंचे प्रदेश के कानून मंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि पूरी सरकार पीड़ित परिवार के साथ खड़ी है। जो भी संभव मदद होगी की जाएगी। पूरे मामले की अलग से जांच कराई जाएगी। जो भी दोषी होंगे उनके विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

By JagranEdited By: Published: Fri, 14 Jun 2019 12:22 AM (IST)Updated: Fri, 14 Jun 2019 06:30 AM (IST)
पूरी सरकार पीड़ित परिवार के साथ: ब्रजेश पाठक
पूरी सरकार पीड़ित परिवार के साथ: ब्रजेश पाठक

जागरण संवाददाता, एटा: यूपी बार कौंसिल अध्यक्ष दरवेश सिंह के अंतिम संस्कार में गुरुवार को गांव चांदपुर पहुंचे प्रदेश के कानून मंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि सरकार पीड़ित परिवार के साथ खड़ी है। जो भी संभव मदद होगी, की जाएगी। पूरे मामले की अलग से जांच कराई जाएगी।

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कानून मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री ने पूरे प्रदेश में कोर्ट परिसरों की सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करने के लिए निर्देश दिए हैं। इस तरह की घटनाएं न हों, इसके लिए सरकार कड़े इंतजाम कर रही है। कानून व्यवस्था के सवाल पर बोले कि प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह नियंत्रण में है। अपराधियों में भय है। वो जेल में हैं या अंडरग्राउंड हो गए हैं। कानून मंत्री ने कहा कि दरवेश सिंह बहुत ही कम समय में वकीलों के लिए संघर्ष करते हुए बड़ी नेता बनी थीं। अल्पसमय में उनका जाना प्रदेश और अधिवक्ता समाज के लिए अपूर्णनीय क्षति है। इससे पूर्व कानून मंत्री ब्रजेश पाठक ने शोक संतप्त परिवार को ढांढ़स भी बंधाया। ------------

हाईकोर्ट के जज से कराई जाए मामले की जांच: अखिलेश

एटा जिले के गांव चांदपुर पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सीधे-सीधे कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए। कहा कि जब बार कौंसिल की अध्यक्ष की हत्या कोर्ट परिसर में हो सकती है तो भला सुरक्षित कौन है? इस मामले की जांच हाईकोर्ट के सिटिग जज से कराई जाए। घटना में पुलिस की भूमिका और संरक्षण की भी जांच होनी चाहिए। सरकार परिवारीजनों को 50 लाख की आर्थिक मदद दे। नहीं देती है तो सरकार आने पर हम ये मदद देंगे। अखिलेश ने कहा कि एक तरफ मुख्यमंत्री लखनऊ में कानून व्यवस्था पर समीक्षा कर रहे थे और दूसरी ओर आगरा में अपराधी अपराध कर रहे थे। आखिर अपराधियों को यह छूट कहां से मिली? चुनाव के बाद सपा कार्यकर्ताओं की चुन-चुनकर हत्या की जा रही है। पूरी सूची बनाकर राज्यपाल को देंगे। हमारी सरकार की आलोचना करने वाले राज्यपाल को इस सरकार में कानून व्यवस्था की स्थिति भी पता लगे। योगी सरकार को पुलिस एनकाउंटर पर मानवाधिकार आयोग के सबसे ज्यादा नोटिस मिले हैं। बंगाल हिसा को मुद्दा बनाने वाले उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था भी देखें। पूर्व मुख्यमंत्री ने विभिन्न घटनाओं में मुआवजा देने में भी भेदभाव के आरोप लगाए। शामली में पत्रकार मामले पर कहा कि किसी को कुछ बोलने की छूट नहीं है। क्या इसे ही नया भारत मानेंगे?


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