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बच्चों की सेहत से सरकार ही कर रही खिलवाड़

एटा बच्चों की सेहत से सरकारी सिस्टम ही खिलवाड़ कर रहा है। दुकानों-बाजारों में खाद्य पदार्थों की शुद्धता का चाबुक चलाने वाले अफसर निजी आवासीय विद्यालयों के मामले में आंखें मूंदे हुए हैं। ऐसे एक भी विद्यालय का लाइसेंस नहीं बनाया गया है। न ही समय-समय पर यहां सर्वे और सैंपलिग की की जा रही है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 11 Apr 2019 11:09 PM (IST)Updated: Thu, 11 Apr 2019 11:09 PM (IST)
बच्चों की सेहत से सरकार ही कर रही खिलवाड़
बच्चों की सेहत से सरकार ही कर रही खिलवाड़

जागरण संवाददाता, एटा: बच्चों की सेहत से सरकारी सिस्टम ही खिलवाड़ कर रहा है। दुकानों-बाजारों में खाद्य पदार्थो की शुद्धता का चाबुक चलाने वाले अफसर निजी आवासीय विद्यालयों के मामले में आंखें मूंदे हुए हैं। ऐसे एक भी विद्यालय का लाइसेंस नहीं बनाया गया है। न ही समय-समय पर यहां सर्वे और सेंपलिंग की जा रही है।

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खाद्य पदार्थ से संबंधित कारोबार, फूड प्रोसेसिंग जहां भी होता है, खाद्य सुरक्षा विभाग से रजिस्ट्रेशन या लाइसेंस लेना जरूरी होता है। सभी आवासीय विद्यालयों में छात्र-छात्राओं के खान-पान की व्यवस्था की जाती है। कहां से राशन की आपूर्ति हो रही है और कैसे तैयार कर बच्चों को खिलाया जा रहा है, इसकी पूरी जानकारी खाद्य सुरक्षा विभाग को होनी चाहिए। लेकिन यह चौंकाने वाली ही बात है कि विभाग को जिले के निजी आवासीय विद्यालयों में खान-पान की व्यवस्था के बारे में कुछ नहीं पता है। न तो किसी विद्यालय का लाइसेंस ही जारी किया गया है और न वहां जाकर रसोई के सर्वे और खाद्य पदार्थो के सेंपलिंग की कार्रवाई ही की गई, जिससे गुणवत्ता की स्थिति सामने आ सके। जिले में करीब एक दर्जन से अधिक आवासीय विद्यालय संचालित हो रहे हैं।


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