¨सथेटिक दूध फैक्ट्री पकड़ी, संचालक गिरफ्तार
जलेसर क्षेत्र के गांव सांवलपुर में पुलिस ने की कार्रवाई ग्लूकोज, फिटक
फोटो-03ईटीएच13, 14
जलेसर क्षेत्र के गांव सांवलपुर में पुलिस ने की कार्रवाई
ग्लूकोज, फिटकरी, आयल और लिक्विड डिटर्जेंट बरामद जागरण संवाददाता, एटा: जलेसर के गांव सांवलपुर में ¨सथेटिक दूध फैक्ट्री पकड़ी गई है। पुलिस ने छापेमारी कर इसके संचालक को गिरफ्तार कर लिया। वहीं मौके से दूध बनाने का सामान जब्त किया गया है।
गांव के अंदर एक घर में गुपचुप ढंग से यह फैक्ट्री चलाई जा रही थी। जिसकी जानकारी किसी तरह पुलिस को मिली तो छापेमारी की योजना तैयार की गई। जलेसर कोतवाली प्रभारी अनूप कुमार भारती ने टीम के साथ शाम के समय गांव में छापा मारा। इस दौरान वहां दूध बनाने का काम चल रहा था। पुलिस ने फैक्ट्री संचालक धर्मेंद्र उर्फ बच्चा यादव को गिरफ्तार कर लिया। घर के अंदर नकली दूध बनाने का काफी सामान मौजूद था। ग्लूकोज पाउडर, खाद्य तेल, लिक्विड डिटर्जेंट, फिटकरी आदि मिलाकर ¨सथेटिक दूध तैयार किया जाता था। पुलिस ने यहां से चार बोरी ग्लूकोज, आधा बोरी फिटकरी, काफी मात्रा में खाद्य तेल और ईजी अपने कब्जे में ले लिया। मौके से दूध बनाने में इस्तेमाल होने वाले बर्तन आदि भी बरामद किए गए हैं।
मिलावट और ¨सथेटिक दूध से पूरी की जा रही मांग
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गर्मियों की वजह से इन दिनों दूध उत्पादन में गिरावट आई है। जबकि मांग सामान्य रूप से ही बनी हुई है। उत्पादन और खपत के इस अंतर को पाटने के लिए जमकर मिलावट और ¨सथेटिक दूध का सहारा लिया जा रहा है। एक-दो नहीं, कई स्थानों पर नकली दूध बनाकर बाजारों में खपाया जा रहा है। जबकि हॉकर अपने स्तर से मिलावट करके भी दूध की मात्रा बढ़ा रहे हैं। इस सबके बावजूद खाद्य सुरक्षा विभाग की ओर से कोई बड़ी कार्रवाई होते अब तक नजर नहीं आई है। गाड़ियों और हॉकर्स से नमूने लेने तक ही विभाग की गतिविधियां सिमटी हुई हैं। जबकि बड़े स्तर पर चल रहे ¨सथेटिक और नकली दूध के कारोबार की पकड़-धकड़ की जहमत नहीं उठाई जा रही है। खाद्य सुरक्षा विभाग को नहीं लगी भनक
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खाद्य और पेय पदार्थों की मिलावट आदि को लेकर कार्रवाई की जिम्मेदारी खाद्य सुरक्षा विभाग को दी गई है। इस तरह की नकली दूध फैक्ट्रियों पर कार्रवाई इस विभाग को ही करनी चाहिए। लेकिन रविवार को हुए दूध फैक्ट्री के खुलासे में यह विभाग दूर-दूर तक नजर नहीं आ रहा था। विभाग को जानकारी ही नहीं थी। पुलिस ने जब छापा मारकर संचालक को गिरफ्तार कर लिया और पूरा सामान अपने कब्जे में ले लिया तो कहीं जाकर घंटों बाद विभागीय लोगों को सूचना दी गई। जिसके बाद मुख्यालय से टीम वहां के लिए रवाना हुई।