राम के अग्निबाण से अहंकारी रावण का दहन
जिले में दशहरा पर्व पर बुराई के प्रतीक रावण के पुतलों का दहन
एटा, जागरण संवाददाता : जिले में दशहरा पर्व पर बुराई के प्रतीक रावण के पुतलों का दहन श्रीराम के अग्निबाण से हो गया। रावण कुनबे सहित धू-धूकर जला। उधर भगवान श्रीराम के जयकारों से माहौल गूंज उठा। रावण दहन देखने के लिए खासी तादाद में भीड़ उमड़ पड़ी।
शहर के सैनिक पड़ाव स्थित रामलीला मैदान में मंगलवार को शहरवासियों के अलावा ग्रामीण अंचलों से आए हजारों श्रद्धालुओं ने शाम से डेरा डाल लिया था। हर किसी को इंतजार था अहंकारी रावण के परिवार समेत भस्म होने का। कार्यक्रम शुरू हुआ कि भगवान श्रीराम, भाई लखन समूचे राम दल को लेकर युद्ध के मैदान में उतर आए। एक ओर राम की सेना और दूसरी ओर अहंकारी रावण के खानदान में युद्ध शुरू हो गया। इस बीच भगवान ने अग्निबाण रावण पर चलाया और इसके बाद रावण का पुतला धू-धूकर जलने लगा। कुंभकरण, मेघनाथ के पुतले भी जल उठे। आकर्षक आतिशबाजी के नजारों के बीच कुछ ही देर में परिवार समेत रावण का सर्वनाश हो गया और रामलीला मैदान भगवान श्रीराम के जयकारों से गूंज उठा। रामलीला मैदान में माता महाकाली ने भी प्रदर्शन किया।
इस अवसर पर जिलाधिकारी सुखलाल भारती ने कहा कि रावण बुराई का प्रतीक है, विजयदशमी पर हमें अच्छाई का संकल्प लेना चाहिए। एसएसपी सुनील कुमार सिंह ने कहा कि जीवन में कभी भी अहंकार नहीं लाना चाहिए वरना रावण और हम में कोई फर्क नहीं रह जाएगा। इस दौरान आतिशबाजी का जोरदार प्रदर्शन किया गया। आसमान रंग-बिरंगी रोशनी से नहा उठा। आसमान में आकृतियां देख दर्शक ताली बजाने पर मजबूर हो गए। रावण दहन होते ही लोगों ने जय श्रीराम के नारे लगाए। इस मौके पर अपर पुलिस अधीक्षक संजय कुमार, भाजपा नेता प्रमोद गुप्ता, पूर्व चेयरमैन राकेश गांधी, दशहरा संयोजक रामू भटेले, अध्यक्ष शशिवेंद्र पाल सिंह, कोषाध्यक्ष स्वयंप्रकाश गौड, महामंत्री उमाशंकर गिरि समेत रामलीला कमेटी के पदाधिकारी व अन्य मौजूद रहे।