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तिलहन और मूंगफली की बोगस खरीद, 1.28 करोड़ का आइटीसी घपला

विशेष अनुसंधान शाखा ने मंडी समिति में पकड़ीं चार फर्म दूसरे जिलों से भी हासिल कर लिए परिवहन के फर्जी बिल

By JagranEdited By: Published: Sun, 22 Nov 2020 06:21 AM (IST)Updated: Sun, 22 Nov 2020 06:21 AM (IST)
तिलहन और मूंगफली की बोगस खरीद, 1.28 करोड़ का आइटीसी घपला
तिलहन और मूंगफली की बोगस खरीद, 1.28 करोड़ का आइटीसी घपला

एटा: मंडी समिति में तिलहन और मूंगफली की भारी मात्रा में बोगस खरीद की गई। माल को बिना कहीं भेजे ही भाड़े के मनमाने बिल दिखा दिए गए। घपले में प्रदेश के अन्य जिलों की फर्म भी शामिल हैं। वाणिज्यकर विभाग की विशेष अनुसंधान शाखा ने यहां चार फर्म पकड़ी हैं। इनके दस्तावेजों की जांच में एक करोड़ 28 लाख 35 हजार 790 रुपये का आइटीसी घपला सामने आया है।

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जनपद में मूंगफली की बंपर पैदावार हुई है। मंडी समिति में तीन महीने पहले तक काफी तादाद में बिक्री के लिए तिलहन और मूंगफली आई। कुछ फर्मों ने न माल खरीदा और न ही बेचने के लिए उसे कहीं बाहर भेजा, लेकिन बाहर की फर्मों से परिवहन बिलों का आदान-प्रदान कर लिया। मंडी समिति में स्थित गौरव ट्रेडिग कंपनी और इससे संबंधित तीन अन्य कंपनियों की शिकायत मिलने पर जांच के लिए वाणिज्यकर विभाग ने छह टीम गठित कीं। इन टीमों ने 9 और 19 नवंबर को कंपनियों के सभी अभिलेख जब्त किए, जिनकी जांच की जा रही है। इन टीमों में विशेष अनुसंधान शाखा के ज्वाइंट कमिश्नर ओपी राय एवं केके राय, आदितेय मिश्रा, संजीव कुमार, संजीव पाठक, हरिश्चंद्र मौर्या, असिस्टेंट कमिश्नर विजय कुमार व एटा-कासगंज के वाणिज्य विभाग के अधिकारी भी शामिल थे। यूं होता है घपला

आइटीसी के जरिए बचाए जाने वाले टैक्स का एडजेस्टमेंट फर्में अन्य तरीके से कर लेती हैं। माना 100 रुपये की खरीद पर आइटीसी टैक्स 18 रुपये है जो जीएसटी मिलाकर 19 रुपये होता है। अन्य टैक्स देते समय आइटीसी टैक्स उसमें से कम हो जाता है। इस तरह 18 रुपये शुद्ध लाभ फर्म को होगा। अगर वास्तव में खरीद की जाती तो 18 रुपये का भुगतान फर्म को आइटीसी टैक्स के रूप में करना पड़ता। जब खरीद ही नहीं हुई तो टैक्स भी अदा नहीं किया गया।

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विशेष अनुसंधान शाखा ने मंडी समिति की चार फर्मों में आइटीसी घपला पकड़ा है। बोगस खरीद और टैक्स चोरी का मामला सामने आया है, जांच अभी चल रही है। दूसरे जिलों की जिन फर्मों का आदान-प्रदान हुआ वे भी जांच के दायरे में हैं। उच्चाधिकारियों के निर्देश पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।

- संजय मल्होत्रा, असिस्टेंट कमिश्नर वाणिज्यकर


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