राजस्व के बाद रोडवेज में अब बैटरी चोरी का खेल
एटा, जासं। रोडवेज महकमे में जहां पिछले महीनों राजस्व चोरी का खेल खासा चर्चाओं में रहा। वहीं डिपो से नई बैटरियां चोरी होने के मामले ने महकमे के जिम्मेदारों की निगरानी पर भी उंगलियां उठा दी हैं। कई बार बैटरी चोरी हो चुकी हैं इसके बावजूद कोई एफआइआर तक दर्ज नहीं कराई गई। पूरा खामियाजा निर्दोष कर्मचारियों को सहना पड़ रहा है।
एटा, जासं। रोडवेज महकमे में जहां पिछले महीनों राजस्व चोरी का खेल खासा चर्चाओं में रहा। वहीं डिपो से नई बैटरियां चोरी होने के मामले ने महकमे के जिम्मेदारों की निगरानी पर भी उंगलियां उठा दी हैं। कई बार बैटरी चोरी हो चुकी हैं इसके बावजूद कोई एफआइआर तक दर्ज नहीं कराई गई। पूरा खामियाजा निर्दोष कर्मचारियों को सहना पड़ रहा है।
आय के मामले में कभी अव्वल रहने वाले डिपो के हालात दिनोंदिन खराब होते जा रहे हैं। जुलाई-अगस्त महीने में जहां फर्जी टिकटों और राजस्व चोरी का मामला निदेशालय तक पहुंचा। दोषियों पर कार्रवाई तो हुई नहीं बल्कि अधिकारियों ने जिन चालक-परिचालकों को फंसता पाया उन्हीं का शोषण कर फिर राजस्व चोरी की छूट दे दी।
अब बैटरी सेक्शन चर्चाओं में है। यहां पिछले तीन-चार महीनों से नई बैटरी चोरी हो रही हैं। यह बात वर्कशॉप की दीवारों तक ही सीमित कर निर्दोष कर्मचारियों का शोषण किया जा रहा है।
बताया गया है कि अब तक डेढ़ दर्जन से ज्यादा नई बैटरी चोरी हो चुकी हैं। आधा दर्जन से ज्यादा बैटरी पिछले महीने और हाल ही में एक साथ 10 और बैटरी चोरी हो जाने के बाद भी मामला पुलिस तक नहीं पहुंचा। पहले चोरी होना और फिर नुकसान की भरपाई कर्मचारियों से कर लेना ही शोषण को साफ बता रहा है। चोरी के मामले में यह तो कहा जा रहा है कि वर्कशॉप की एक दीवार टूटी है, इसी कारण चोरियां हो रहीं हैं। दूसरी ओर सवाल यह है कि एआरएम आवास की दीवार सहित वर्कशॉप में निर्माण कार्य भी चल रहा है, लेकिन बाउंड्रीवाल क्यों सही नहीं हुईं। बैटरी चोरी में भी जिम्मेदारों की मिलीभगत बताई जा रही है। वर्कशॉप प्रभारी डीएम सक्सेना का कहना है कि बैटरी सेक्शन का मामला है और उन्हें मामले की ज्यादा जानकारी नहीं है। एआरएम का फोन नहीं उठा।