कोहरे में कोहराम से बचने को सजगता जरूरी
सर्दी का मौसम शुरू हो चुका है। ऐसे में हादसे की आशंका बढ़ जाती है। लोग रिफ्लेटर का इस्मेमाल नहीं कर रहे हैं। इससे हादसों से बचा जा सकता है।
जागरण संवाददाता, एटा : कहते हैं कि जान है तो जहान है, सर्दी का सीजन शुरू हो चुका है। आने वाले समय में कोहरे की मार भी झेलनी पड़ेगी। ऐसे में वाहन चलाना बेहद जोखिम भरा होता है, लेकिन थोड़ी सी सजगता बरतें और वाहनों में स्मार्ट पार्ट्स का उपयोग करें तो हादसों से काफी हद तक बचा जा सकता है। सड़कों पर दौड़ते तमाम वाहन ऐसे दिखाई दे रहे हैं जिनमें रिफलेक्टर तक नहीं हैं। यहां तक कि फॉग और बीम लाइटें तक नहीं लगवाईं। यह लापरवाही जोखिम भरी साबित हो सकती है। कुछ ऐसी ही लापरवाहीवश पिछले समय में तमाम दुर्घटनाएं होती रहीं हैं।
वर्ष 2017 के शीत सीजन में 50 से ज्यादा ऐसे हादसे हुए जो कोहरे के कारण थे और लोगों की जानें तक चली गईं। ट्रैफिक पुलिस की मानें तो यह हादसे इसलिए और ज्यादा होते हैं क्योंकि वाहन अनफिट होते हैं और उनका मेंटीनेंस ठीक तरह से नहीं रखा जाता। तमाम ट्रैक्टर-ट्रॉली ऐसे होते हैं जिनमें रिफलेक्टर तक नहीं होते। यही स्थिति खासतौर पर टेंपो और डग्गेमार वाहनों की होती है। तमाम वाहन चालक इंडीकेटर का उपयोग करना भूल जाते हैं। अनेक चार पहिया वाहनों में फॉग और बीम लाइटें तक नहीं होती, जबकि कोहरे में यह लाइटें रामबाण का काम करती हैं। खासतौर पर पीले रंग की लाइट वाहन में जरूर लगवानी चाहिए, लेकिन इसमें लापरवाही बरती जाती है।
इस बार हालांकि इंडीकेटर, हॉर्न, रेडियम स्टीकर्स, लाइट के दाम कुछ बढ़ गए हैं, लेकिन इतने नहीं कि कोई उन्हें खरीद न सकें। सीजन के हिसाब से इंडीकेटर के दाम 130 रुपये से 150 रुपये रखे गए हैं। जबकि हॉर्न 180 से 200 रुपये तक मिल रहे हैं। रेडियम स्टीकर्स की कीमत भी ज्यादा नहीं है।
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¨जदगी अपनी है इसलिए इसे बचाने के लिए अपने वाहनों को पूरी तरह से फिट रखना जरूरी है।
- त्रिलोक भार्गव वाहनों में रेडियम, स्टीकर्स और फॉग लाइट रात और कोहरे के वक्त सुरक्षित रहने का अचूक उपाय है।
- शैलेंद्र जैन कोहरे में वाहन ले जाने से पहले एक बार उनकी फिटनेस आवश्यक रूप से चैक करनी चाहिए।
- राजकुमार गुप्ता कोहरे के दौरान सड़क पर चलते वक्त यातायात के नियमों का पालन भी जरूर करना चाहिए।
- मनोज कुमार