मसालों में मिलावट, हो रहा सेहत से खिलवाड़
जरूरत की वस्तुएं हों या रोजमर्रा उपयोग में आने वाली सब्जियां अथवा मसाले सभी पहले ही महंगाई के कारण घरों में कम इस्तेमाल होने लगे हैं। इस पर भी मसालों में मिलावट ने गृहणियों की चिताएं और बढ़ा दी हैं। उनके सामने संकट यह है कि आखिर खाएं तो क्या खाएं एक तो महंगी वस्तुएं ऊपर से मिलावट होने के कारण स्वास्थ्य से खिलवाड़। दोनों तरह से उन पर मार पड़ रही है।
एटा, जागरण संवाददाता: जरूरत की वस्तुएं हों या रोजमर्रा उपयोग में आने वाली सब्जियां अथवा मसाले, सभी पहले ही महंगाई के कारण घरों में कम इस्तेमाल होने लगे हैं। इस पर भी मसालों में मिलावट ने गृहणियों की चिता और बढ़ा दी है। उनके सामने संकट यह है कि आखिर खाएं तो क्या खाएं, एक तो महंगी वस्तुएं ऊपर से मिलावट होने के कारण स्वास्थ्य से खिलवाड़।
खाने-पीने की चीजों में हो रही मिलावट से मसाले भी अछूते नहीं है। हल्दी, धनिया, जीरा से लेकर काली मिर्च तक में मिलावट की जा रही है, लेकिन मिलावटखोरों के खिलाफ कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं हो पा रही। दही-बड़े, टिक्की, समोसे के अलावा खाने में बनने वाली सब्जियों को स्वादिष्ट बनाने के लिए मसालों का सबसे ज्यादा प्रयोग किया जाता है। लेकिन मसाले अगर मिलावटी हों तो वह स्वाद तो खराब करते ही हैं। साथ ही बीमारियां भी फैलाते हैं। मसालों में तरह-तरह के पाउडर आदि मिलाकर उनका वजन बढ़ाया जाता है। बाद में सादा पैकिग में छोटे दुकानदारों को सप्लाई किया जाता है, लेकिन मुनाफे के इस खेल में लोगों की सेहत से खिलवाड़ किया जा रहा है। ब्रांडेड मसालों में स्थानीय दुकानदार मिलावट तो नहीं कर पाते लेकिन एक्सपायरी डेट के मसाले बेच देते हैं। ग्राहक अगर मसाले पर एक्सपायरी डेट देख लेता है तो उसे सादा पैकेट देकर दुकानदार मामले को दबा देते हैं। क्या कहते है नागरिक
-------
- पिसी हल्दी में पीला रंग मिलाकर मिलावट की जाती है। आसानी से पहचान भी नहीं हो पाती और यह मिलावट भोजन के साथ नुकसान देती है। सुषमा देवी
- लाल मिर्च पाउडर में ईंट का पाउडर मिलाया जाता है। कईयों बार सेंपल भरे जाते हैं, लेकिन कार्रवाई न होने से सिलसिला जारी रहता है। नेकसे कुमार
- पैकिग से ज्यादा मसाले शुद्ध कहे जाते हैं, लेकिन व्यवसायी उनके एक्सपायर होने पर उन्हें भी खोलकर बेच देते हैं, जोकि धोखा है। राजेंद्र कुमार
- पिसे हुए मसाले सस्ते मिल जाते हैं इस बात से खुद ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि ऐसा मिलावट या अन्य कारण से है। मंजू देवी ------
मिलावटी मसालों से तेजाब बनने की शिकायत हो जाती है। लंबे समय तक मिलावटी मसाले खाने से लिवर व किडनी पर असर पड़ता है। संभव हो सके तो घर में मसाले पीसकर ही उनका इस्तेमाल करें तो इन बीमारियों से काफी हद तक बचा जा सकता है।
डा. राहुल वाष्र्णेय जिला अस्पताल एटा