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अतीत का इतिहास है वंशावली

By Edited By: Published: Sun, 15 Apr 2012 08:13 PM (IST)Updated: Sun, 15 Apr 2012 08:13 PM (IST)
अतीत का इतिहास है वंशावली

कासगंज, निज प्रतिनिधि: वंशावली संरक्षण संवर्धन संस्थान की अखिल भारतीय बैठक सोरों के रेलवे रोड स्थित सुदर्शनाचार्य धर्मशाला में हुई। बैठक में वंशावलियों के संरक्षण एवं संवर्धन पर चर्चा की गई एवं इसके महत्व पर प्रकाश डाला गया।

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कार्यक्रम के मुख्य अतिथि धर्म जागरण समिति के राष्ट्रीय प्रमुख मुकुन्द राव वंशीधर ने कहा कि संस्कृति की जीवंतता बनाए रखने के लिए आवश्यक है कि हम अपनी परंपराओं को न भूलें।

वंशावली संरक्षण एवं संवर्धन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश सिंह गौराज ने कहा कि वंशावली देशज इतिहास है और जो पूर्णत: प्रमाणिक है।

वंशावली संरक्षण एवं संवर्धन संस्थान के राष्ट्रीय सचिव रामप्रसाद ने कहा कि वंशावली से सबसे अधिक लाभ यह होता है कि लोगों को यह पता लग सकता है कि उसके पूर्वज किस जाति और किस गोत्र के थे और किस धर्म के अनुयायी थे और किस देवी देवता की पूजा करा करते थे। इस दौरान राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री गौराज ने सोरों निवासी कोठीवाल आढ़तिया महाविद्यालय के प्रवक्ता डा. राधाकृष्ण दीक्षित को राष्ट्रीय कार्यकारिणी में सदस्य नियुक्त किया।

बैठक को कोटा के बाबूराम, जयपुर के रामप्रसाद एवं गुजरात प्रदेश से आए शरद राज ढोले ने अपने विचार व्यक्त करते हुए वंशावली लेखन के महत्व को बताया। इस दौरान राजेश्वर सिंह सहित उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश, जम्मू आदि प्रदेशों के वंशावली लेखक मौजूद थे।

फोटो नम्बर- 15केएएस11

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