इस साल बनेंगे 37 नए हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर
33 स्वास्थ्य उपकेंद्र और चार पीएचसी की गईं चयनित ग्रामवासियों को नहीं लगानी होगी शहर-कस्बों की दौड़
जासं, एटा: 33 स्वास्थ्य उपकेंद्र और चार पीएचसी को स्वास्थ्य विभाग इस साल हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के रूप में विकसित करेगा। जहां लोगों को मरहम पट्टी से लेकर कई जांचों और उपचार की सुविधा मिलेगी।
ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं का हाल बेहद खस्ता है। कहने को तो सरकार ने 182 स्वास्थ्य उपकेंद्र विभिन्न गांवों में स्थापित कराए हैं, लेकिन इन पर सीमित सेवाओं का ही प्रावधान है। यही नहीं, वहां तैनात एएनएम आदि नियमित रूप से पहुंचती भी नहीं हैं। इसके चलते गांववालों को उनसे कोई विशेष सहारा नहीं मिल पाता है। बीमार लोगों को कस्बों और नजदीकी शहरों तक दौड़ लगानी पड़ती है। इस तरह की समस्याओं के मद्देनजर सरकार ने गांवों तक लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने के लिए आयुष्मान भारत योजना के तहत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर स्थापित करने के निर्देश दिए।
2018-19 में 20 उपकेंद्र और 18 पीएचसी को इसमें शामिल किया गया। इनमें से 33 केंद्रों को तैयार किया जा चुका है, एक की जमीन पर विवाद के चलते मामला अटका हुआ है। 2019-20 में 44 उपकेंद्र चिन्हित किए गए। इनमें से 16 पर काम पूरा कराकर स्वास्थ्य विभाग के सुपुर्द कर दिए गए हैं। इस साल 33 उपकेंद्र और चार पीएचसी को अपग्रेड करने के लिए चयनित किया गया है। सीएमओ डा. अरविद कुमार गर्ग ने बताया कि पुराने सभी केंद्रों पर जल्द काम पूरा कराकर उन्हें क्रियाशील किया जाएगा। नए केंद्रों को भी इसी साल में क्रियाशील करने की कोशिश की जाएगी। मिलेंगी यह सुविधाएं:
30 साल से अधिक उम्र के लोगों की बीपी, डायबिटीज आदि बीमारियों की जांच कर उनको दवा और परामर्श दिया जाएगा। पैथोलाजी से जुड़ी जांचें की जाएंगी। गर्भावस्था एवं शिशु देखभाल, परिवार नियोजन, गर्भनिरोधक सेवा, सभी प्रसव पूर्व और प्रसवोत्तर सेवा की सुविधा मिलेगी।