विद्युत विभाग के सिग्नल पर दौड़ेगी ट्रेन
जागरण संवाददाता, कासगंज (एटा) : कासगंज-बरेली ट्रैक पर ट्रेन दौड़ना अभी आसान नहीं है, जहां एक ओर विभाग
जागरण संवाददाता, कासगंज (एटा) : कासगंज-बरेली ट्रैक पर ट्रेन दौड़ना अभी आसान नहीं है, जहां एक ओर विभागीय अधिकारियों में सामंजस्य के लिए उच्चस्तरीय पहल चल रही है तो वहीं दूसरी तरफ कासगंज सिटी और जंक्शन रेलवे स्टेशन के बीच भिटौना के समीप रेलवे लाइन के ऊपर से गुजर रही हाइटेंशन लाइन रोड़ा बनी हुई है। ऐसे में अब पहले विद्युत विभाग का सिग्नल मिलना ट्रेन संचालन के लिए जरूरी हो गया है।
वर्ष 2013 से कासगंज-बरेली ब्राडगेज मार्ग पर 275 करोड़ की योजना से कार्य पूरा किया गया है। पहले तो कार्य पूरा होने में ही लंबा समय खींचा गया। उसके बाद रामगंगा पर एनआर और एनइआर के अधिकारियों के बीच छिड़ी जंग खत्म नहीं हो पा रही। अंतत: पूर्वोत्तर रेलवे में रामगंगा के बाद अलग प्लेटफार्म बनाने का निर्णय लिया। उसके बाद यहां कार्य आगे बढ़ता दिखा तो बरसात ने काम की पोल खोली।
फिर रेलमंत्री ने दो सदस्यीय टीम इस ट्रैक की जांच के लिए गठित कर दी। ट्रैक की जांच होने तक ट्रेन दौड़ना संभव नहीं है। इसके अलावा सबसे बड़ी समस्या कासगंज सिटी और कासगंज जंक्शन रेलवे स्टेशन के बीच आ रही है। भिटौना के समीप मैनपुरी से कासगंज विद्युत विभाग के लिए जो मुख्य पावर सप्लाई के लिए जो लाइन दी गई है। उसके नीचे से ट्रेन दौड़ना संभव नहीं है। रेलवे ने प्रदेश शासन के अलावा मैनपुरी ट्रंासमिशन को भी पत्र लिख दिया है लेकिन सकारात्मक जवाब नहीं आया है।
रेलवे ने लिखा पत्र
रेलवे इज्जतनगर मंडल के डीआरएम चंद्रमोहन जिंदल ने रेल मंत्रालय के साथ साथ उत्तर प्रदेश शासन को भी पत्र लिखकर हाइटेंशन तार हटाने के लिए कहा है लेकिन अभी तक यह तार नहीं हटाया जा रहा है। केंद्र और प्रदेश सरकार के संयुक्त हस्तक्षेप के बाद ही इस ट्रैक पर ट्रेन दौड़ना संभव हो सकेगा।
बढ़ जाएंगी मुसीबतें
कासगंज-बरेली ट्रैक पर ट्रेन न चलने से अभी तक यात्रियों को परेशानी हो रही है। यदि हाइटेंशन तार हटाया गया तो कासगंज जनपद के बाशिंदों को एक माह तक परेशान होना पड़ेगा। क्योंकि यह लाइन बदलना आसान नहीं है।
ट्रंासमिशन करेगा काम
विद्युत विभाग के अधिशासी अभियंता परशुराम यादव ने बताया कि हाइटेंशन लाइन को हटाने का अधिकार कासगंज विद्युत विभाग के पास नहीं है। यह लाइन मैनपुरी ट्रंासमिशन की है और ट्रांसमिशन ही इस पर काम करेगा।