अब विकलांगता नहीं कर सकेगी प्रतिभा का क्षरण
जागरण संवाददाता, एटा: शारीरिक कमी शिक्षा के क्षेत्र में विद्यार्थियों की प्रतिभा का क्षरण नहीं कर सक
जागरण संवाददाता, एटा: शारीरिक कमी शिक्षा के क्षेत्र में विद्यार्थियों की प्रतिभा का क्षरण नहीं कर सकेगी। सरकार पूर्व दशम और दशमोत्तर कक्षाओं के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति देकर उनका हौसला बढ़ाएगी।
कई मामलों में प्रतिभाशाली विकलांग अच्छी शिक्षा से महरूम रह जाते हैं। धनाभाव इसका बड़ा कारण है। सामान्य बच्चों की अपेक्षा विकलांगता वाले बच्चों पर अधिक ध्यान और धन खर्च करने की जरूरत होती है। जबकि आर्थिक विषमता की स्थिति में उनकी यह जरूरत पूरी नहीं हो पाती। अब केंद्र सरकार ने ऐसे ही बच्चों के भविष्य निर्माण के लिए छात्रवृत्ति योजना शुरू की है। योजना का लाभ पूर्व दशम और दशमोत्तर कक्षाओं में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को मिलेगा। लेकिन इसमें 40 फीसद से अधिक विकलांगता और अभिभावक की आय पूर्व दशम के लिए 2 लाख जबकि दशमोत्तर के लिए 2.50 लाख सालाना की शर्त भी लगाई गई है। पूरे देश में पूर्व दशम के 46 हजार और दशमोत्तर के 16 हजार 650 छात्र-छात्राओं को योजना के लिए चयनित किया जाना है।
शासन के निर्देश मिलने के साथ ही स्थानीय स्तर पर विकलांगजन विकास विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है। पात्रों से जरूरी दस्तावेजों सहित 7 फरवरी तक आवेदन मांगे गए हैं। विकलांग जन विकास अधिकारी अजयवीर सिंह ने बताया कि पात्र अभ्यर्थियों के प्राप्त आवेदन शासन को भेजे जाएंगे। वहां से चयन के बाद अभ्यर्थियों की सूचना जारी की जाएगी।
योजना में कई तरह के भत्ते
छात्रवृत्ति योजना के तहत अलग-अलग कक्षाओं व कोर्सो और विकलांगता के हिसाब से विभिन्न भत्तों का प्रावधान किया गया है। चयनित अभ्यर्थियों को भरण-पोषण के अलावा यातायात, कोचिंग, शिक्षण संस्था की फीस, शैक्षिक भ्रमण, किताबों आदि के लिए भत्ते दिए जाएंगे।