जिपं अध्यक्ष के पदीय दायित्वों का निर्वहन करते रहेंगे डीएम
जिला पंचायत अध्यक्ष के पदीय दायित्वों का निर्वहन डीएम आगे भी करते रहेंगे। शासन ने इस आशय का आदेश 20 फरवरी को जारी किया है। शासन ने कहा है कि कोर्ट के पारित आदेश के अनुपालन में अग्रिम आदेश तक अध्यक्ष जिला पंचायत देवरिया के पदीय दायित्वों के निर्वहन के लिए डीएम को अधिकृत करने की स्वीकृति प्रदान की जाती है।
देवरिया : जिला पंचायत अध्यक्ष के पदीय दायित्वों का निर्वहन डीएम आगे भी करते रहेंगे। शासन ने इस आशय का आदेश 20 फरवरी को जारी किया है। शासन ने कहा है कि कोर्ट के पारित आदेश के अनुपालन में अग्रिम आदेश तक अध्यक्ष, जिला पंचायत देवरिया के पदीय दायित्वों के निर्वहन के लिए डीएम को अधिकृत करने की स्वीकृति प्रदान की जाती है। फिलहाल इस आदेश से त्रि-स्तरीय कमेटी की उम्मीद पाले जिला पंचायत सदस्यों को झटका लगा है।
दीपक मणि अपहरण कांड में फंसे जिला पंचायत अध्यक्ष रामप्रवेश यादव को 27 मई 2018 को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया था। जेल जाने के कारण वह अपने पदीय कर्तव्यों व दायित्वों के निर्वहन में असमर्थ हो गए थे। इसे देखते हुए शासन ने जिलाधिकारी को अध्यक्ष का दायित्व निर्वहन के लिए अधिकृत किया। 22 सितंबर 2018 को रामप्रवेश यादव जेल से जमानत पर रिहा हो गए। रामप्रवेश ने पदीय दायित्वों के निर्वहन के लिए जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी को संबोधित पत्र 24 सितंबर 2018 को प्रस्तुत किया। डीएम ने इस पर शासन से मार्गदर्शन मांगा। इस बीच रामप्रवेश ने हाईकोर्ट में रिट दायर की। कोर्ट ने रामप्रवेश यादव के खिलाफ निर्णय दिया था। रामप्रवेश यादव ने निर्णय के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में विशेष अनुमति याचिका दायर की। जिला पंचायत देवरिया की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल किया गया था। रामप्रवेश यादव के अधिवक्ता के तर्कों से सुप्रीम कोर्ट ने असहमति जताते हुए कहा कि ऐसे व्यक्ति को अपने पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं है, जिसके ऊपर भ्रष्टाचार आदि के इतने गंभीर आरोप लगे हों। इस पर रामप्रवेश के अधिवक्ता ने याचिका वापस लेने का अनुरोध किया। जिसे न्यायालय ने मान लिया। डीएम अमित किशोर ने इसकी पुष्टि की है।