जिला अस्पताल की इमरजेंसी में हंगामा, चालक को पीटा
जिला अस्पताल के इमरजेंसी में शनिवार को तीमारदारों ने जमकर हंगामा किया। शव वाहन चालक को पीटकर घायल कर दिया। जिनका इलाज इमरजेंसी में कराया गया। इस मामले में जिला अस्पताल प्रशासन तहरीर देने की तैयारी कर रही है।
देवरिया: जिला अस्पताल के इमरजेंसी में शनिवार को तीमारदारों ने जमकर हंगामा किया। शव वाहन चालक को पीटकर घायल कर दिया। जिनका इलाज इमरजेंसी में कराया गया। इस मामले में जिला अस्पताल प्रशासन तहरीर देने की तैयारी कर रही है।
तरकुलवा के महुआबारी गांव के लोग एक व्यक्ति को लेकर दोपहर में जिला अस्पताल के इमरजेंसी में पहुंचे, जहां डाक्टर ने मृत घोषित कर दिया। इसके बाद तीमारदारों ने शव को ले जाने के लिए जिला अस्पताल के शव वाहन को बुलवाया। अभी कागजी खानापूरी हो रही थी कि तीमारदार शव को लादकर ले चलने की जिद करने लगे। शहर के ट्यूबवेल कालोनी के रहने वाले चालक जितेंद्र कुमार सैनी ने कागजी कार्रवाई होने तक रुकने को कहा। यह बात तीमारदारों को नागवार लगी और हंगामा करने लगे। शव वाहन के चालक जितेंद्र की पिटाई कर दी। जिससे चालक का चश्मा टूट गया और शीशा से आंख में चोट आई है। जिला अस्पताल के इमरजेंसी में इलाज चला। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा.एएम वर्मा ने बताया कि कुछ लोगों ने बेवजह चालक की पिटाई की है। इस मामले में तहरीर दी जाएगी। न्यायालय का आदेश नहीं मानने पर थानाध्यक्ष रामपुर कारखाना तलब
विकास खंड रामपुर के थाना के ग्राम पंचायत सिरसिया नंबर एक पूर्व प्रधान अशोक सिंह व अन्य के विरुद्ध न्यायालय द्वारा पारित आदेश का अनुपालन न करने पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने थानाध्यक्ष रामपुर कारखाना को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कक्ष संख्या 17 में व्यक्तिगत रूप से 29 नवंबर को उपस्थित होने का निर्देश दिया है। सिरसिया नंबर एक गांव के शिकायतकर्ता प्रदीप कुमार श्रीवास्तव ने उक्त ग्राम पंचायत बिना काम कराए भुगतान व धोखाधड़ी कर के साथ की धन के दुरुपयोग करने के मामले में न्यायालय में वाद दाखिल किया था। जिस के क्रम में न्यायालय ने 24 सितंबर को सिरसिया के ग्राम प्रधान अशोक सिंह एवं ग्राम पंचायत सचिव शीलू साहनी के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने का निर्देश दिया था। एक माह बीत जाने के बाद भी थानाध्यक्ष रामपुर कारखाना द्वारा उक्त प्रकरण में मुकदमा दर्ज नहीं किया गया। वादी प्रदीप कुमार ने पुन: 29 अक्टूबर न्यायालय का शरण लेते हुए थानाध्यक्ष पर न्यायालय की अवहेलना करते हुए मुकदमा दर्ज ना करने एक शिकायती पत्र किया। जिसके क्रम में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने थानाध्यक्ष 29 नवंबर को न्यायालय में उपस्थित होकर स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है।