श्रोताओं पर खूब चला साबरी के मखमली आवाज का जादू
देवरिया महोत्सव की सोमवार की शाम यादगार बन गई। मुंबई से आए सूफी गायक शवाब साबरी ने मुक्त कंठ से गीतों को स्वर दिया तो दर्शक अपने को रोक नहीं सके। शानदार गीतों से साबरी ने महोत्सव में समां बांध दिया। गुलाबी ठंड में महोत्सव के बीच यह उत्सव यादगार बन गया। दर्शकों की मांग पर एक से बढ़ कर एक गीत प्रस्तुत कर वह श्रोताओं के दिल में उतर गए
देवरिया : देवरिया महोत्सव की सोमवार की शाम यादगार बन गई। मुंबई से आए सूफी गायक शवाब साबरी ने मुक्त कंठ से गीतों को स्वर दिया तो दर्शक अपने को रोक नहीं सके। शानदार गीतों से साबरी ने महोत्सव में समां बांध दिया। गुलाबी ठंड में महोत्सव के बीच यह उत्सव यादगार बन गया। दर्शकों की मांग पर एक से बढ़ कर एक गीत प्रस्तुत कर वह श्रोताओं के दिल में उतर गए।
सबसे पहले उन्होंने तेरे नैना बड़े कातिल मार ही डालेंगे. को स्वर दिया तो पूरा पंडाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। इसके बाद श्रोताओं की मांग पर कई गीतों को स्वर दिया। उन्होंने मेरे रश्के कमर तूने पहली नजर. गीत गाया तो युवक व युवतियां अपने स्थान पर खड़ा होकर नृत्य करने लगे। ताकते रहते तुझको सांझ सबेरे, मेरे मस्त-मस्त दो नैन, मेरे दिल का ले गए चैन के अलावा पल दो पल..गीत प्रस्तुत कर अपनी प्रतिभा साबित की। श्रोताओं की मांग पर वो जब याद आए, बहुत याद आए, जान ले लो न जान रे, कमली कमली, हमसे प्यार कर ले..के अलावा कई गीतों को अपनी मखमली आवाज से स्वर दिया तो श्रोताओं ने सराहा। शाबरी ने कहा कि देवरिया से मिले प्रेम को नहीं भूला पाउंगा। देवों की इस नगरी में आने का मुझे सौभाग्य मिला, इसके लिए आयोजक मंडल व देवरिया के जिलाधिकारी को धन्यवाद ज्ञापित करता हूं। संचालन रविकांत मणि त्रिपाठी, सरिता व वर्षा ने किया।
यहां मुख्य रूप से जिलाधिकारी अमित किशोर, एसडीएम दिनेश, डा.आरके श्रीवास्तव, चंद्र प्रकाश त्रिपाठी, क्षेत्राधिकारी वरूण कुमार मिश्र, कोतवाल विजय नारायण, विजय श्रीवास्तव, डा.सौरभ श्रीवास्तव, बीएसए माधव तिवारी, डा.अंजलिका निगम, ओम प्रकाश यादव, बेचू चौधरी, अर्सिया रहमान आदि मौजूद रहे।