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उधार के दाना-पानी से बच्चों का भर रहे पेट

जनपद में मध्याह्न भोजन योजना कभी भी धराशायी हो सकती है। परिषदीय व वित्तपोषित विद्यालयों में पढ़ने वाले आठवीं दर्जा तक के छात्र-छात्राओं को उधार के दाना-पानी से पेट भरा जा रहा है। आलम यह है कि जुलाई से लेकर अबतक कनवर्जन कास्ट मुहैया नहीं कराया गया है। ऐसे में जिम्मेदार ही इस योजना पर पानी फेर रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 14 Dec 2018 10:49 PM (IST)Updated: Fri, 14 Dec 2018 10:49 PM (IST)
उधार के दाना-पानी से बच्चों का भर रहे पेट
उधार के दाना-पानी से बच्चों का भर रहे पेट

देवरिया: जनपद में मध्याह्न भोजन योजना कभी भी धराशायी हो सकती है। परिषदीय व वित्तपोषित विद्यालयों में पढ़ने वाले आठवीं दर्जा तक के छात्र-छात्राओं को उधार के दाना-पानी से पेट भरा जा रहा है। आलम यह है कि जुलाई से लेकर अबतक कनवर्जन कास्ट मुहैया नहीं कराया गया है। ऐसे में जिम्मेदार ही इस योजना पर पानी फेर रहे हैं। इसे लेकर शिक्षक संगठनों में नाराजगी है।

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जनपद के 16 ब्लाकों के 2868 परिषदीय व वित्तपोषित विद्यालयों में करीब पौने तीन लाख छात्र-छात्राओं को मध्याह्न भोजन दिए जाने की शासन की तरफ से व्यवस्था की गई है, लेकिन इस योजना को संचालित करने वाला महकमा बेसिक शिक्षा विभाग उदासीन बना हुआ है। जनपद के सभी विद्यालयों में प्रधानाध्यापक व प्रधान उधार के दाना-पानी से मध्याह्न भोजन के लिए सामग्री जुटा रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि मार्च 2018 का भी कनवर्जन कास्ट अबतक मुहैया नहीं कराया गया। इसके अलावा जुलाई से लेकर नवंबर तक पांच माह का कनवर्जन कास्ट बकाया है। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष शैलेंद्र कुमार ¨सह कहते हैं कि पांच माह बीत गए लेकिन अभी तक कनवर्जन कास्ट नहीं मिला। यही नहीं, सामान्य व पिछड़ी वर्ग को छोड़कर अन्य जातियों के रसोइयों का मानदेय भी नहीं मिला है। इससे कभी भी यह योजना धराशायी हो सकता है। इसकी जिम्मेदारी एमडीएम से जुड़े जनपद स्तरीय अधिकारियों की होगी।

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मिड-डे-मील योजना का साप्ताहिक आहार तालिका

दिन मीन्यू

सोमवार रोटी-सब्जी (जिसमें सोयाबीन या दाल की बड़ी का प्रयोग) व ताजा मौसमी फल

मंगलवार चावल-दाल

बुधवार तहरी एवं दूध (उबला हुआ गरम दूध)

गुरुवार रोटी-दाल

शुक्रवार तहरी (जिसमें सोयाबीन की बड़ी का प्रयोग)

शनिवार चावल सोयाबीन युक्त सब्जी

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कनवर्जन कास्ट 9.86 करोड़ का जल्द होगा भुगतान

जिला समन्वयक (एमडीएम) डीपी ¨सह कहते हैं कि शासन से कनवर्जन कास्ट की राशि आने में देरी हुई है। 9.86 करोड़ रुपये भुगतान के लिए आया है, जिससे मार्च के अलावा जुलाई से लेकर आंशिक नवंबर तक का भुगतान किया जाना है। डीएम द्वारा अनुमोदन के बाद भुगतान किया जाएगा।

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रसोइयों का नहीं मिला मानदेय मध्याह्न भोजन योजना को सफल बनाने में रसोइयों का बड़ा योगदान है, लेकिन उनका मानदेय समय से दिए जाने में लापरवाही बरती जा रही है। जिम्मेदार इसको लेकर उदासीन बने हुए हैं। सामान्य व पिछड़ी वर्ग के रसोइयों का सितंबर तक मानदेय भुगतान कर दिया गया है लेकिन अनुसूचित जनजाति के रसोइयों का फरवरी व अनुसूचित जाति के रसोइयों का जुलाई से अबतक का मानदेय बाकी है।

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-शासन ने रसोइयों का ग्रांट तीन भाग में कर दिया गया है। सामान्य व ओबीसी का ग्रांट पहले आ गया। उम्मीद है कि जल्द ही अनुसूचित जाति व जनजाति का भी ग्रांट आ जाएगा। ग्रांट आते ही मानदेय भुगतान कर दिया जाएगा। कनवर्जन कास्ट भुगतान की प्रक्रिया चल रही है। जल्द ही खातों में धन भेज दिया जाएगा।

-माधवजी तिवारी, बीएसए।

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