बाल कल्याण समिति के पूर्व पदाधिकारियों ने दर्ज कराए बयान
बस्ती जनपद की गायब किशोरी के मामले की मजिस्ट्रेटी जांच कर रहे एसडीएम ने 2016 तक कार्यरत बाल कल्याण समिति के पूर्व अध्यक्ष व तीन सदस्यों के बयान दर्ज किए। बयान दर्ज कराने के लिए किशोरी के माता-पिता व आरोपित युवक को भी बुलाया गया था, लेकिन वे नहीं पहुंचे। इस पर एसडीएम सदर रामकेश यादव ने अनुस्मारक पत्र जारी किया।
देवरिया: बस्ती जनपद की गायब किशोरी के मामले की मजिस्ट्रेटी जांच कर रहे एसडीएम ने 2016 तक कार्यरत बाल कल्याण समिति के पूर्व अध्यक्ष व तीन सदस्यों के बयान दर्ज किए। बयान दर्ज कराने के लिए किशोरी के माता-पिता व आरोपित युवक को भी बुलाया गया था, लेकिन वे नहीं पहुंचे। इस पर एसडीएम सदर रामकेश यादव ने अनुस्मारक पत्र जारी किया।
बता दें कि बस्ती जनपद की एक किशोरी को वर्ष 2016 में न्यायालय बाल कल्याण समिति बस्ती की ओर से बाल गृह बालिका देवरिया भेजा गया था। किशोरी के पिता का कहना है कि उसकी अल्पवयस्क बेटी का आज तक पता नहीं है। उसे गायब कर दिया गया है। उनका कहना है कि गांव का युवक 2016 में बहला-फुसलाकर भगा ले गया और उसके साथ दुष्कर्म किया। बस्ती पुलिस ने आरोपित के खिलाफ पाक्सो एक्ट समेत अन्य धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया। 2016 में उसकी बेटी को बाल कल्याण समिति बस्ती ने देवरिया बाल गृह बालिका में रखने का आदेश दिया था। तभी से वह देवरिया में थी। अब उसका पता नहीं चल रहा है। वहीं बाल कल्याण समिति देवरिया के रिकार्ड के मुताबिक किशोरी को माता-पिता के सुपुर्दगी में दिए जाने की बात सामने आई है। ऐसे में किशोरी को लेकर पूरा मामला उलझ गया है। इस मामले में डीएम के आदेश पर एसडीएम सदर को जांच सौंपी गई है। उन्होंने बाल कल्याण समिति की पत्रावली का अवलोकन किया। इस प्रकरण से जुड़े सभी व्यक्तियों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। मंगलवार को 2016 तक कार्यरत रहीं बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष निर्मला पांडेय, सदस्य प्रमिला गुप्ता, तारकेश्वर शाही, बीपी यादव का बयान दर्ज किया गया। एसडीएम ने बताया कि किशोरी के माता-पिता व किशोरी को बहला फुसलाकर भगाने वाले युवक को भी बयान दर्ज करने के लिए बुलाया गया था लेकिन वे नहीं आए। सभी को अनुस्मारक पत्र भेजा गया है, ताकि अपना बयान दर्ज करा सकें।