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श्रीराम-सीता का विवाह देख भावविह्वल हुए दर्शक

श्री बैकुंठनाथ पवहारी संस्कृत महाविद्यालय बैकुंठपुर देवरिया के 60 वें वार्षिक अधिवेशन हुआ

By JagranEdited By: Published: Thu, 13 Dec 2018 10:29 PM (IST)Updated: Thu, 13 Dec 2018 10:29 PM (IST)
श्रीराम-सीता का विवाह देख भावविह्वल हुए दर्शक

देवरिया: श्री बैकुंठनाथ पवहारी संस्कृत महाविद्यालय बैकुंठपुर देवरिया के 60 वें वार्षिक अधिवेशन के अवसर पर प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष भी मार्गशीर्ष शुक्ल पंचमी को श्रीराम विवाहोत्सव का आयोजन किया गया, जिसमें जानकी चबूतरे से श्री बरात की यात्रा प्रारंभ हुई और श्री उमेश शाही के द्वार पर बरात के द्वारपूजा के लिए रुकी विधि-विधान से डा.युगल किशोर तिवारी, डा.अखिलेश कुमार पांडेय और विवेक उपाध्याय की देखरेख में समस्त द्वारपूजा का कार्यक्रम संपन्न हुआ। पुन: बारात श्री बैकुंठनाथ जी के मंदिर प्रांगण में आई जिसकी अगुवानी प्रबंधक अंगद तिवारी, डा.योगेश कुमार चतुर्वेदी सह सभी कर्मचारियों, छात्रों और नागरिकों ने किया। बारात की अगुवानी के बाद बरात महाविद्यालय के क्रीड़ा प्रांगण में बने फुलवारी में भ्रमण करते हुए सचित्र झांकी को जीवंत बना रही थी। जिसका आनंद क्षेत्रीय जनता पूरे तन-मन से ग्रहण किए। फुलवारी से बरात मंदिर प्रांगण में बने स्थाई राम विवाह मंडप को प्रस्थान की जिसकी आरती कौशलेंद्र दास हुजूरी ने उतारे और अपने महाराज जी के कुशल स्वास्थ्य की कामना की। पुन: मर्मज्ञ आचार्यों के निर्देशन में श्री रामविवाह संपन्न हुआ। इसके बाद श्रीरामजी समेत चारों भाई शाही जी के यहां जाकर खीर खाने की परंपरा को भी जीवंत किए। इस अवसर पर श्रीराम की भूमिका में रौनक, लक्ष्मण की भूमिका में अर¨वद, भरत की भूमिका में मोहित, शत्रुघ्न की भूमिका में जैकी, सीता की भूमिका में आलोक इत्यादि ने भाग लिया। प्रबंधक अंगद तिवारी ने बताया कि इस संस्था के द्वारा श्रीराम विवाह का आयोजन तीन सौ वर्ष पूर्व से चली आ रही है जिसका संरक्षण आज भी महाराजश्री द्वारा किया जा रहा है। यह अपने आप में देवरिया जनपद के जनपदवासियों हेतु गौरव का दिन होता है इससे पूरा जनपद गौरवान्वित होता है, हम प्रतिवर्ष इस प्रयास में रहते हैं कि श्रीराम विवाहोत्सव और धूम-धाम से मनाया जाय।

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इस अवसर पर रात्रि में रामलीला का भी मंचन महाविद्यालय के छात्रों द्वारा किया गया। जिसका कुशल निर्देशन राकेश कुमार त्रिपाठी तथा रीतेश कुमार पांडेय ने किया। इस अवसर पर डा.अजय कुमार शुक्ल, डा.ओंकारनाथ पांडेय, डा.मनीष कुमार शुक्ल, डा. मिथिलेश कुमार शुक्ल, डा.रामकेश्वर तिवारी, शैलेश पांडेय, संपूर्णानंद मिश्र, प्रवीण कुमार मिश्र, साधना मिश्रा, नितेश कुमार उपाध्याय, रविशंकर दुबे, दुर्गा तिवारी, राजमंगल तिवारी, कन्हैया तिवारी और सभी ग्रामीणों ने पूरी रात गीत-संगीत-रामलीला-रामविवाह मंचन का आनंद लिया।


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