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ट्रेनों में सीट फुल, मुश्किल में रेल यात्री

कोरोना संक्रमण के चलते अधिकांश ट्रेनों का संचलन बंद है कुछ चुनिदा ट्रेनें ही चलाई जा रही है। इन ट्रेनों में पहले से ही टिकट फुल है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 25 Dec 2020 12:57 AM (IST)Updated: Fri, 25 Dec 2020 12:57 AM (IST)
ट्रेनों में सीट फुल, मुश्किल में रेल यात्री
ट्रेनों में सीट फुल, मुश्किल में रेल यात्री

देवरिया: त्योहार व लगन समाप्त होने के बाद रेल यात्रा करना मुश्किल हो गया है। लंबी दूरी की ट्रेनों में सीट फुल है। ऐसे में लोगों के सामने तत्काल टिकट ही एक सहारा है। काउंटर पर आधी रात से लाइन लगाने के बाद भी अधिकांश लोगों को तत्काल टिकट नहीं मिल पा रहा है और हर दिन काउंटर से लोग बैरंग घर लौट रहे हैं। ऐसे में लोगों को टिकट दलाल या फिर बस तथा हवाई जहाज से यात्रा करनी पड़ रही है।

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कोरोना संक्रमण के चलते अधिकांश ट्रेनों का संचलन बंद है, कुछ चुनिदा ट्रेनें ही चलाई जा रही है। इन ट्रेनों में पहले से ही टिकट फुल है। जबकि गोरखपुर से मुम्बई को जाने वाली दादर एक्सप्रेस में तो तत्काल टिकट की सुविधा ही नहीं है। जो ट्रेनें त्योहार को लेकर चलाई गई है, उन ट्रेनों में तत्काल की सुविधा नहीं है। खास बात यह है कि दादर एक्सप्रेस में कब टिकट बनेगा, यह समय निर्धारित नहीं है। ऐसे में काउंटर से कम, बल्कि ई-टिकट लगभग 80 प्रतिशत बनाया जा रहा है। तीन गुना तक रुपया वसूल रहे दलाल

इस समय टिकट दलालों की चांदी हो गई है। पहले से ही ट्रेनों के टिकट फर्जी नाम पर बुक कर दलाल रख लिए हैं। जबकि कोई उनके पास पहुंच रहा है तो संबंधित टिकट देने के साथ ही उस नाम का फर्जी आधार कार्ड भी बना दे रहे हैं। एक-एक टिकट पर तीन गुना तक रुपये की वसूली दलाल कर रहे हैं।

स्टेशन अधीक्षक आइ अंसारी ने बताया कि दादर एक्सप्रेस में अभी तत्काल टिकट का आदेश नहीं हुआ है। दो से तीन तत्काल टिकट अन्य ट्रेनों के लिए हर दिन काउंटर से बन जा रहे हैं। सिर्फ एक से दो टिकट बन रहा

आरक्षण काउंटर पर ऐसे तो हर दिन पचास से अधिक लोग टिकट के लिए लाइन लगाते हैं, बमुश्किल एक से दो टिकट ही तत्काल का बन पा रहा है। ऐसे में अन्य लोगों को बैरंग ही वापस लौटना पड़ रहा है।

साधारण टिकट न मिलने से बढ़ी परेशानी

देवरिया: वाराणसी-भटनी रेल खंड पर सवारी गाड़ी व अन्य ट्रेनों का संचालन नहीं होने से दैनिक यात्रियों की मुश्किलें बढ़ गई है। दादर, कृषक व चौरीचौरा के अलावा अन्य कोई ट्रेन संचालित नहीं होने से रेलवे की आमदनी भी आधे से कम हो गई है। दैनिक यात्रियों को सड़क मार्ग का सहारा है। साधन के अभाव में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

लार रोड व सलेमपुर से करीब तीन हजार से अधिक यात्री प्रतिदिन बेल्थरा रोड, मऊ, वाराणसी, भटनी, देवरिया व गोरखपुर के लिए आते जाते हैं। जिसमें सरकारी सेवा के अलावा मजदूर, अधिवक्ता व शिक्षक आदि शामिल हैं। कोरोना संक्रमण के चलते ट्रेनों का संचालन 23 मार्च से बंद है। वर्तमान में दादर, कृषक व चौरीचौरा ट्रेनें संचालित हैं। लिच्छवी ट्रेन भी कुछ दिन चली। रेलवे ने उसे बंद कर दिया है।

सलेमपुर के स्टेशन अधीक्षक अनिल कुमार यादव ने बताया कि ट्रेनों की संख्या कम होने से रेलवे की आय पर काफी असर पड़ा है। यात्रियों की संख्या काफी कम हो गई है। कोरोना के पूर्व जो आय थी वह घट कर आधे से भी कम हो गई है। विभाग के नियमों के तहत कार्य किया जा रहा है। रेल टिकट के लिए एक दिन पहले यात्रियों को टिकट लेना होगा।

यात्रियों की सुनिए :

यात्री दिनेश कुमार सिंह ने कहा कि सवारी गाड़ियों का संचालन बंद है। कृषक, दादर व चौरीचौरा ट्रेनों से यात्रा के लिए साधारण टिकट नहीं मिल रहा है। सड़क मार्ग से यात्रा में कठिनाइयां आ रही है। बाल मुकुंद मिश्र ने कहा कि स्टेशन के करीब घर होने के चलते ट्रेन से यात्रा आसान रहती थी। मासिक टिकट बनवाकर तीन सौ रुपये में एक माह यात्रा कर लेते थे। अब तीन हजार रुपये प्रतिमाह बस का भाड़ा देना पड़ रहा है।अनिल कुमार ने कहा कि ट्रेन की सुविधा न होने से धन के साथ समय भी बर्वाद हो रहा है। कोहरे में बस या आटो से यात्रा करना खतरे से खाली नहीं है।


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