अगस्त क्रांति दिवस पर याद किए गए वीर शहीद
क्षेत्र के बापू कृषक इंटर कालेज कड़सरवा बुजुर्ग के प्रांगण में अगस्त क्रांति दिवस पर कार्यक्रम आयोजित कर वीर शहीदों को याद किया गया। इसके अलावा यहां पौधरोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया गया। भाजपा नेता हरिचरन सिंह कुशवाहा ने कहा कि आज ही के दिन वर्ष 1942 में मुंबई के अगस्त क्रांति मैदान से राष्ट्र पिता महात्मा गांधी ने अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन का आगाज किया था।
देवरिया: क्षेत्र के बापू कृषक इंटर कालेज कड़सरवा बुजुर्ग के प्रांगण में अगस्त क्रांति दिवस पर कार्यक्रम आयोजित कर वीर शहीदों को याद किया गया। इसके अलावा यहां पौधरोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया गया। भाजपा नेता हरिचरन सिंह कुशवाहा ने कहा कि आज ही के दिन वर्ष 1942 में मुंबई के अगस्त क्रांति मैदान से राष्ट्र पिता महात्मा गांधी ने अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन का आगाज किया था। उस ऐतिहासिक आंदोलन से प्रेरित होकर छात्र,छात्राओं, शिक्षकों, वकीलों सहित तमाम सरकारी कर्मचारियों ने ब्रिटिश सरकार के संस्थाओं का बहिष्कार करते हुए अंग्रेजों का नींद हराम कर दिया था। प्रधानाचार्य डा. विनय कुमार पांडेय ने कहा कि आज ही के दिन शुरू हुए भारत छोड़ो आंदोलन की ही देन थी कि अंग्रेज हमारे देश को आजाद करने पर विवश हो गए।कार्यक्रम में मुख्य रूप से ग्रामीण विकास अभिकरण के जेई लालबहादुर, प्रधान विजय सिंह कुशवाहा, प्रेमचंद कुशवाहा, कवि मकसूद अहमद भोपतपुरी, श्रीप्रकाश कुशवाहा, उपेंद्र सिंह, रमाकांत यादव, अरुण सिंह, दुर्गेश सिंह, अनिता सिंह, अखिलेश सिंह, मुकेश सिंह आदि मौजूद रहे।
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शहीदों के विचारों को आत्मसात करने की जरूरत
जासं, सलेमपुर, देवरिया: अगस्त क्रांति दिवस के अवसर पर कांग्रेस कार्यालय पर कार्यक्रम का आयोजन कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई तथा गोष्ठी का आयोजन किया गया। ब्लाक अध्यक्ष डा.धर्मेंद्र पांडेय ने कहा कि आज के परिवेश में शहीदों के विचारों को आत्मसात करने की आवश्यकता है। देश को आजाद कराते समय इन शहीदों ने जो सपना देखा था। उसमें कुछ लोग व्यवधान पैदा कर रहे हैं। इस तरह के ताकतों से सावधान रहना होगा। जिला महासचिव राम विलास तिवारी ने कहा कि बड़े त्याग एवं बलिदान के बाद देश आजाद हुआ है। जिसके बुनियाद आज ही के दिन वास्तव में पड़ी थी। शहीदों ने देश की आजादी के लिए अपना सब कुछ न्यौछावर कर दिया। आज उस परंपरा को अक्षुण्य रखने की जरूरत है। कार्यक्रम को पूर्व प्रधानाचार्य भागीरथी प्रसाद, चंद्रमोहन पांडेय, दिनेश गुप्ता, मोहित पांडेय, मोहन प्रसाद, दीनदयाल प्रसाद, संजय गुप्ता, शिव शंकर गौतम, आचार्य हरेंद्र मिश्र, संजय मिश्र आदि ने संबोधित किया।
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