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रमजान: रखें रोजा, घर में पढ़ें नमाज

वरिष्ठजनों ने की अपील मस्जिद में नहीं घर में करे खुदा की इबादत - कोरोना वायरस को लेकर दे रहे संदेश करें शारीरिक दूरी का पाल

By JagranEdited By: Published: Fri, 24 Apr 2020 11:22 PM (IST)Updated: Fri, 24 Apr 2020 11:22 PM (IST)
रमजान: रखें रोजा, घर में पढ़ें नमाज
रमजान: रखें रोजा, घर में पढ़ें नमाज

देवरिया : पाक रमजान माह का शुभारंभ होने जा रहा है। कोरोना वायरस को लेकर एक जगह भीड़ को एकत्रित होने से रोकने के लिए चारो तरफ लॉकडाउन चल रहा है। ऐसे में मंदिर व मस्जिदों में भी भीड़ पर पाबंदी लगा दी गई है। प्रशासन के इस फरमान को मुस्लिम समाज भी अपना रहा है और मस्जिदों में नमाज की बजाय घरों में ही नमाज अदा करने और इबादत करने की अपील कर रहा है। जागरण ने शहर के मस्जिद के पेश इमाम समेत वरिष्ठजनों ने अपने विचार साझा किया।

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सिर्फ स्वस्थ लोग रमजान के रोजे रखने की पाबंदी करें। रोजा इफ्तार को अपने घरों पर ही अंजाम दें। इफ्तार पार्टी या सामूहिक आयोजन से परहेज करें। रोजा घर पर ही खोले, मस्जिद ना जाएं। कोरोना वायरस से निजात के लिए अल्लाताला से मुल्क की सलामती की दुआ करें।

मुफ्ती अशफाक अहमद कासमी

पेश इमाम, जामा मस्जिद, अबूबकर नगर

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रमजान का महीना शुरू हो रहा है। कलाम पाक की तिलावत करें। तरावी घर पर पढ़े। कोरोना महामारी बहुत बड़ी आपदा है इससे हम सभी को मिल कर निपटना है। प्रशासन का सहयोग करें। संयम से काम लें, जिससे किसी को कोई दिक्कत न हो।

विस्मिल्लाह मुन्ना लारी

पूर्व सदर अंजुमन इस्लामिया कमेटी

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बीमार लोग न रोजा रखें और ना ही रोजा पढ़ने के लिए मस्जिद जाएं। मस्जिद में पढ़ी जाने वाली तरावीह को घर पर ही पढ़े। कोरोना वायरस पूरे विश्व के लिए खतरा बना हुआ है। इससे बचाव के लिए प्रशासन के निर्देशों का पालन करें। घर पर तरावीह के दौरान बाहरी लोगों को इकट्टा न होने दें।

मोहम्मद अहमद नदवी

जामा मस्जिद अबूबकर नगर

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पाक रमजान माह में नमाज घर पर अदा करें। मस्जिद न जाएं। घर के अंदर भी शारीरिक दूरी का पालन करें। किसी घर भी जाने की जरूरत नहीं है। लाक डाउन का पालन करें। यह अपनी सुरक्षा के लिए जरूरी है। आज पूरे देश में कोरोना वायरस से खतरा है। इसकी गंभीरता को समझें और प्रशासन का सहयोग करें।

जलालुद्दीन खान

सदर, अंजुमन इस्लामियां कमेटी

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सभी सदस्य घर में ही तरावी की नमाज अदा करें। शारीरिक दूरी बना कर रहे और प्रशासन के दिशा निर्देशों का पालन करें। रमजान में मस्जिद की बजाय घर पर ही खुदा की इबादत करें। मस्जिद जाने से भीड़ बढ़ेगी और शारीरिक दूरी का पालन नहीं हा पाएगा। इसलिए मस्जिद जाने की आवश्यकता नहीं है।

शकील अहमद सिद्दीकी

पूर्व सदर, अंजुमन इस्लामिया कमेटी


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