वार्षिक गोपनीय आख्या मांगे जाने के विरोध में प्रदर्शन
जिलाध्यक्ष विनोद कुमार सिंह की अगुवाई में शिक्षक सदर बीआरसी परिसर में एकत्र हुए। वहां से प्रदर्शन करते हुए सिविल लाइन होते हुए कलेक्ट्रेट परिसर में पहुंचे। शिक्षकों ने कहा कि महानिदेशक स्कूली शिक्षा ने बेसिक शिक्षकों के मूल दायित्वों से इतर जाकर अंक तय किए जाने की व्यवस्था की है।
देवरिया: उप्र जूनियर हाईस्कूल (पूर्व माध्यमिक) शिक्षक संघ ने बेसिक शिक्षकों के वार्षिक गोपनीय आख्या मांगे जाने का विरोध किया है। शिक्षकों ने मांगों को लेकर आवाज बुलंद की। सिविल लाइन में प्रदर्शन कर नारेबाजी की। मांगों का ज्ञापन मुख्य राजस्व अधिकारी अमृतलाल बिद को सौंपा।
जिलाध्यक्ष विनोद कुमार सिंह की अगुवाई में शिक्षक सदर बीआरसी परिसर में एकत्र हुए। वहां से प्रदर्शन करते हुए सिविल लाइन होते हुए कलेक्ट्रेट परिसर में पहुंचे। शिक्षकों ने कहा कि महानिदेशक स्कूली शिक्षा ने बेसिक शिक्षकों के मूल दायित्वों से इतर जाकर अंक तय किए जाने की व्यवस्था की है। यह आदेश बेसिक शिक्षकों के लिए काला कानून है। विभागीय अधिकारियों के भ्रष्टाचार को बढ़ाने वाला है। एक दिसंबर 2008 के बाद पदोन्नति शिक्षकों को उसी तारीख से 17140 व 18150 वेतनमान का लाभ दिए जाने, पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करने, शिक्षकों को कैशलेस चिकित्सा सुविधा या आयुष्मान भारत योजना का लाभ देने, ग्रीष्मावकाश समाप्त कर ईएल की सुविधा प्रदान करने की मांग की गई। टीईटी उत्तीर्ण शिक्षामित्रों को शिक्षक पद पर समायोजित करने, शिक्षामित्रों का मानदेय 25 हजार रुपये करने, जूनियर हाईस्कूल में कार्यरत अनुदेशकों को 25 हजार रुपये मासिक मानदेय दिए जाने, कर्मचारियों की तरह बेसिक शिक्षकों को तीसरी पदोन्नति का लाभ दिए जाने, सामूहिक बीमा की सीमा 10 लाख रुपये करने की मांग की। इस मौके पर नंदलाल, ऋषिकेश सिंह, कृपानारायण सिंह, नरेंद्र सिंह, आनंद श्रीवास्तव, बालेंदु मिश्र आदि मौजूद रहे।
जल निगम कर्मचारियों ने प्रदर्शन कर जताया विरोध
देवरिया: उत्तर प्रदेश जल निगम संघर्ष समिति के संयोजन में कर्मचारियों ने भुजौली कालोनी स्थित जल निगम कार्यालय परिसर में भोजनावकाश के समय मांगों को लेकर अधिशासी अभियंता प्रदीप कुमार चौरसिया के नेतृत्व में प्रदर्शन किए। आंदोलनकारियों ने कहा कि मांगों को पूरा नहीं किया गया तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। अधिशासी अभियंता ने कहा कि पांच माह से वेतन व पेंशन नहीं मिल रहा है। कैसे काम चलेगा इसकी चिता किसी को नहीं है। लगातार अधिकारी कर्मचारी मांग कर रहे हैं लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है। ऐसे में आंदोलन ही रास्ता बचता है। शंभू नाथ पांडेय ने कहा कि 2018 के बाद अघोषित रूप से आश्रित परिवारों को आर्थिक रूप से परेशानी उठानी पड़ रही है। सह मीडिया प्रभारी विवेकानंद ने कहा कि हम लोग कार्य तो हर रोज कर रहे हैं लेकिन वेतन नहीं दिया जा रहा है। हम लोग भी इंसान हैं हमारे पीछे भी परिवार पलता है। आर्थिक कठिनाइयों का अब समाधान करना मुश्किल हो गया है। कर्ज लेकर काम चलाया जा रहा है।
यहां आरके सिंह, रजनीश जायसवाल, सचिन सिंह, दिलीप चौहान, कृष्ण कुमार मिश्र, सिद्धार्थ पांडेय, काशीनाथ मिश्र, रविन्द्र चौरसिया आदि मौजूद रहे।
मांगों को लेकर आंदोलन करेंगे कर्मचारी
देवरिया: राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तर प्रदेश के पदाधिकारियों व कर्मचारियों की बैठक बुधवार को जिला अस्पताल परिसर स्थित कैंप कार्यालय पर जिलाध्यक्ष राजेन्द्र शुक्ल की अध्यक्षता में हुई। जिसमें संगठन के शीर्ष नेतृत्व के आह्वान पर 26 सूत्रीय मांगों लेकर आंदोलन की रणनीति बनाई गई।
वक्ताओं कहा कि 19 फरवरी से 27 फरवरी तक कार्य अवधि के दौरान काला फीता बांधकर कर्मचारी नेता असंतोष व्यक्त करेंगे। मांगों का पत्र मुख्यमंत्री को भेजा जाएगा। 28 फरवरी से 17 मार्च तक जन जागरण व गेट मीटिग से कर्मचारियों को जागृत किया जाएगा। सोशल मीडिया आदि के माध्यम से व्यापक प्रचार प्रसार किया जाएगा। 18 मार्च को प्रदेश के प्रत्येक जनपद मुख्यालयों पर उपवास रखकर विशाल धरना प्रदर्शन आयोजित कर डीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा जाएगा। आंदोलन को सफल बनाने के लिए पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी सौंपी गई। सभी ने आंदोलन को सफल बनाने का संकल्प लिया।
यहां मुख्य रूप से नवनाथ प्रसाद, धर्मेन्द्र तिवारी, मनोज कुमार, ओपी मणि, बालेंदु मिश्र, फार्मासिस्ट संघ के जिलाध्यक्ष बलराम यादव, कमलेश सिंह, दुर्गेश तिवारी, राजेश तिवारी मौजूद रहे।