चिकित्सकों को बाहरी दवाओं पर भरोसा
चिकित्सकों का कहना है कि मरीजों के हित में बाहर की अच्छी दवाएं लिखना मजबूरी है। जरूरी दवाएं अस्पताल में मौजूद नहीं हैं।
देवरिया: जिला अस्पताल के चिकित्सकों का बाहरी दवाओं पर ही भरोसा है। हम बात कर रहे हैं नेत्र रोग विभाग व हड्डी रोग विभाग की। दोनों विभागों में प्रतिदिन मरीजों का आपरेशन किया जाता है। उन मरीजों को ठीक होने के लिए अच्छी एंटीबायोटिक, आई ड्राप व हड्डी रोग से संबधित दवाओं की आवश्यकता होती है, लेकिन जिला अस्पताल में उन दवाओं का अभाव है। चिकित्सकों का कहना है कि मरीजों के हित में बाहर की अच्छी दवाएं लिखना मजबूरी है। जरूरी दवाएं अस्पताल में मौजूद नहीं हैं।
किसी भी सरकारी अस्पताल में बाहर से दवाएं लिखने की पूर्णतया मनाही है। इसके बावजूद डाक्टर मजबूरी में ही सही, लेकिन धड़ल्ले से बाहर की दवाएं लिख रहे हैं। आंखों के आपरेशन व हड्डी के मरीजों के आपरेशन के बाद मरीजों को बाहर की दवा खरीदना आवश्यक हो जाता है।
गंभीर मरीजों को जरूरत पड़ने पर दवा उपलब्ध कराने के लिए लोकल पर्चेज कर लिया जाता था। शासन ने इस बजट को समाप्त कर दिया। नई गाइडलाइन के मुताबिक कोई दवा लोकल खरीदारी नहीं करेंगे। जिस दवा की जरूरत होगी, उसकी डिमांड कार्पोरेशन को भेजेंगे। डिमांड के अनुसार दवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। हालत यह है कि डिमांड भेजने के बाद जिस दवा की आवश्यकता है उस दवा को नहीं भेजी जा रही है। जिस दवा की आवश्यकता नहीं है वह दवा भेज दी जा रही है। जिससे अस्पताल में मरीजों की परेशानी बढ़ गई है।
सीएमएस डा. छोटेलाल ने कहा है कि जैसा उच्चाधिकारियों का निर्देश आता है उसके अनुसार कार्य किया जाता है। आपरेशन के बाद की भी दवा उपलब्ध है। कभी-कभी कमी हो जाती है, जो दवाएं नहीं है, उसका डिमांड कार्पोरेशन को भेजा गया है।