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पौ फटते ही चीत्कार में डूबा सकरापार

सकरापार गांव में दोहरे हत्या कांड की घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया। सुबह होते ही गांव में चीत्कार सुनाई देने लगा, जिसने भी ¨पटू के शव को देखा उसकी आंखें भर आईं। बेटे का शव देखते ही मां जानत्री बेहोश होकर गिर पड़ी।

By JagranEdited By: Published: Mon, 17 Sep 2018 11:34 PM (IST)Updated: Mon, 17 Sep 2018 11:34 PM (IST)
पौ फटते ही चीत्कार में डूबा सकरापार
पौ फटते ही चीत्कार में डूबा सकरापार

देवरिया : सकरापार गांव में दोहरे हत्या कांड की घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया। सुबह होते ही गांव में चीत्कार सुनाई देने लगा, जिसने भी ¨पटू के शव को देखा उसकी आंखें भर आईं। बेटे का शव देखते ही मां जानत्री बेहोश होकर गिर पड़ी। पानी का छींटा मारकर उसे होश में लाया गया तो वह दहाड़ मारकर रोने लगी। किसी तरह पुलिसकर्मियों ने उसे घटना स्थल से समझा-बुझाकर घर भेजा। उधर गांव के अधिकांश घरों में चूल्हे नहीं जले। मातमी सन्नाटा पसरा रहा।

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गांव के उमा पटेल को दो बेटे ¨पटू उर्फ राहुल व ¨सटू तथा इकलौती बेटी पूनम है। पूनम की शादी हो चुकी है। बड़ा बेटा राहुल देवरिया शहर में एक फूल की दुकान पर रहकर काम करता था। रात को दुकान से घर लौटने पर भोजन के बाद मंदिर पर जाकर सोता था और फसलों की रखवाली करता था। पहले लोगों को पुजारी की हत्या की सूचना मिली और कुछ ही देर बाद ¨पटू की भी लोगों द्वारा हत्या कर देने की जानकारी मिलते ही गांव में सनसनी फैल गई। मां और बहन पूनम की दहाड़ मारकर रोने लगीं। पूनम ने बड़े भाई की मानसिक स्थिति ठीक न होने की सूचना पर रविवार को दवा खरीदी थी। पूनम का कहना था कि सोमवार की सुबह वह उसे दवा देने वाली थी। उससे पहले ही लोगों ने उसकी हत्या कर दी।

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मेरा बेटा था बेगुनाह

¨पटू की मां जानत्री देवी रो-रो कर कह रही थी कि उसका बेटा बेगुनाह था, लेकिन दबंगों ने जानबूझकर उसकी हत्या कर दी है। मोती की हत्या तो संपत्ति विवाद में उसके ही लोगों ने की है। घटना को मोड़ देने के लिए उन लोगों ने मेरे बेटे की हत्या कर दी। उसका कहना था कि चार दिन से मेरे बेटे का मानसिक स्थिति खराब चल रही थी। लेकिन इतनी भी खराब नहीं थी कि मेरा बेटा किसी की हत्या कर देता।

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पुजारी हत्याकांड में दिख रहा है झोल

गांव के लोगों का कहना है कि हाल के दिनों में ¨पटू नशे का आदी हो गया था। नशा के चलते ही उसकी मानसिक स्थिति खराब हो गई थी। परिवार के सदस्यों ने उसका नशा छुड़ाने का बहुत प्रयास भी किया। सवाल यह है कि पुजारी मोती और ¨पटू दोनों ही मंदिर पर सोते थे तो अचानक ऐसी कौन सी बात आई जिसमें ¨पटू ने मोती की हत्या कर दी। हत्या यदि मंदिर में हुई तो लाश पोखरे में कैसे पहुंची? जबकि मंदिर से पोखरे की दूरी लगभग 50 मीटर है। पोखरे के किनारे महिलाओं के तीन जोड़ी चप्पल कहां से आए? कुछ लोग मोती की हत्या को संपत्ति विवाद से जोड़कर देख रहे हैं। ऐसे कई अनसुलझे सवाल हैं, जिनके जवाब तलाशे जाए तो घटना की तह तक पुलिस आसानी से पहुंच सकती है।

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पिता की मौत की सूचना पर बेहोश हुई बेटी

मोती को केवल चार बेटियां हैं। बेटी सीमा मोती के पास रहती है। मोती ने अपनी पूरी जमीन लगभग डेढ़ साल पहले सीमा को दे दी। पिता की मौत की सूचना घर आई तो सीमा दहाड़ मारकर रोने लगी। दौड़कर घटनास्थल पर पहुंची और पिता का शव देख बेहोश होकर गिर पड़ी। पत्नी शांति का रोते-रोते बुरा हाल हो गया था।

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मौके पर पहुंची फोरेंसिक टीम

दोहरे हत्या कांड की सूचना मिलते ही स्वाट प्रभारी संतोष यादव टीम के साथ मौके पर पहुंच गए और घटना के बारे में जानकारी ली। कुछ लोगों के मोबाइल नंबर भी सर्विलांस पर लगाने के लिए लिया। इसके बाद फोरेंसिक टीम पहुंची और घटना स्थलों से नमूना एकत्र कर जांच के लिए लैब को भेज दिया।

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