जिला अस्पताल से दर्द लेकर लौट रहे मरीज
जिला चिकित्सालय में एक सप्ताह से मरीजों की बढ़ती संख्या चिकित्सकों के लिए ¨चता का कारण बन गई है। चिकित्सकों की लापरवाही भी सामने आ रही है।
देवरिया : जिला चिकित्सालय में एक सप्ताह से मरीजों की बढ़ती संख्या चिकित्सकों के लिए ¨चता का कारण बन गई है। चिकित्सकों की लापरवाही भी सामने आ रही है। इमरजेंसी को ट्रामा ¨वग में शिफ्ट करने के चलते वार्ड में पूरे दिन मरीज गर्मी में उबलते रहे। जिला चिकित्सालय में इलाज कराने आए अधिकतर मरीजों को इलाज नहीं मिला और वे वापस लौट गए।
बुखार हेल्प डेस्क में डा. मनोज सिन्हा मरीजों को देख रहे थे। इसके अलावा आठ नंबर कमरे में चेस्ट फिजीशियन डा. डीके ¨सह मरीजों से घिरे रहे। नौ नंबर कमरे में ताला लटक रहा था। 10 नंबर कमरे में चिकित्सकों का दो केबिन है, लेकिन सर्जन व फिजीशियन की कुर्सी खाली रही। बाल रोग विभाग में डा. एके वर्मा व डा. रामसकल यादव के अलावा डा. आरके श्रीवास्तव मरीजों को देखते मिले। हड्डी रोग विभाग में डा. पीएन कन्नौजिया मरीजों से घिरे रहे। यहां मरीजों को दिखाने के लिए दो बार हंगामा हुआ, जिसे होमगार्डों ने काफी मुश्किल से संभाला। मरीजों को दवा की पूरी खुराक देने के बजाए आधा डोज भी वितरण किया गया। यहां से अधिकतर मरीजों को दवा नहीं होना बता कर हटा दिया गया। ऐसे में मरीजों को प्राइवेट में दवा लेनी पड़ी। रजिस्ट्रेशन काउंटर के पास दोपहर तक भीड़ जमी रही। ओपीडी की हालत ऐसी थी कि पैर रखने तक की जगह नहीं थी। मरीज जमीन पर बैठक अपनी बारी की प्रतीक्षा किए। इमरजेंसी सेवा ट्रामा ¨वग में शिफ्ट होने के कारण मरीजों को परेशानी उठानी पड़ी। वहां वार्ड में इतनी गर्मी थी चिकित्सक व मरीज दोनों परेशान रहे। उनके दर्द को न तो कोई समझने वाला था और न ही सुनने वाला। चिकित्सकों में फिजीशियन एएम वर्मा, डा. एसएस द्विवेदी अवकाश पर रहे, जिससे मरीजों को परेशानी उठानी पड़ी। ओपीडी में दोनों चिकित्सकों के कक्ष में पर्ची लगाकर इंतजार करने के बाद दर्जनों मरीज वापस लौट गए। कोई यह भी बताने वाला नहीं था कि डाक्टर साहब आएंगे कि नहीं। इमरजेंसी में मरीजों का इलाज करने में डा. एनके पांडेय पसीने-पसीने रहे। यहां मरीजों का हुजूम सुबह से लेकर शाम तक रहा।
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इन दिनों अचानक मरीजों की संख्या बढ़ी है, जिससे इन दिनों थोड़ी परेशानी हो रही है। दो चिकित्सक डा. एएम वर्मा व डा. एसएस द्विवेदी अवकाश पर हैं, जिससे थोड़ी परेशानी हुई। इसके बावजूद चिकित्सकों ने मरीजों को देखा। हमारा यह प्रयास रहता है कि अस्पताल आया मरीज बिना इलाज वापस न लौटे। मरीजों को बेहतर सुविधा देने का प्रयास रहता है।
डा. छोटेलाल, सीएमएस, जिला चिकित्सालय देवरिया।