टूटी हड्डियों के दर्द से कराहते रहे मरीज, कई बिना इलाज लौटे
जिला अस्पताल का हड्डी रोग विभाग मरीजों के मंसूबे पर हर रोज पानी फेर रहा है। टूटी हुई हड्डियों का दर्द लिए मरीज को लाइन में दो-दो घंटे इंतजार करना पड़ रहा है। हालांकि तीन-तीन हड्डी रोग विशेषज्ञों की तैनाती होने के बाद भी यहां समस्या कम होने का नाम नहीं ले रही है। जनपद के कोने-कोने से इलाज के आए मरीजों को यहां हर रोज परेशान होते देखा जा रहा है।
देवरिया : जिला अस्पताल का हड्डी रोग विभाग मरीजों के मंसूबे पर हर रोज पानी फेर रहा है। टूटी हुई हड्डियों का दर्द लिए मरीज को लाइन में दो-दो घंटे इंतजार करना पड़ रहा है। हालांकि तीन-तीन हड्डी रोग विशेषज्ञों की तैनाती होने के बाद भी यहां समस्या कम होने का नाम नहीं ले रही है। जनपद के कोने-कोने से इलाज के आए मरीजों को यहां हर रोज परेशान होते देखा जा रहा है। मंगलवार को यहां मरीजों की भीड़ इस कदर थी जैसे मेला लगा हो।
सभी मरीज लाइन में जद्दोजहद करते देखे गए। जब भी कोई सीधे डाक्टर एसके सिंह के कक्ष में जाने का प्रयास करता पीछे से भीड़ चिल्ला उठती। इसके बाद यहां मौजूद होमगार्ड यहां पहुंच कर उस व्यक्ति को बाहर का रास्ता दिखते। सुबह से लेकर दोपहर तक मरीजों को दिखाने के लिए यहां शोर शराबा होता रहा। हड्डी रोग विभाग में तीन डाक्टरों की तैनाती है।
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दूसरे काम में व्यस्त रहे डाक्टर
डा. पीएन कन्नौजिया ओटी में आपरेशन कर रहे थे तो डा. शुभलाल दिव्यांग कैंप में थे। डा. एसके सिंह अकेले ओपीडी में मरीजों को निपटाते दिखे। यहां मरीजों की संख्या अधिक होने के कारण दर्जनों मरीजों को इलाज नहीं मिल सका। मरीजों को देखते देखते दो बज गया, उसके बाद भी पचास से अधिक मरीजों को बिना इलाज के ही वापस लौटना पड़ा। इमरजेंसी, रजिस्ट्रेशन से हड्डी रोग विभाग की लंबी दूरी है। उधर स्ट्रेचर के अभाव में मरीज को परिजन टांग कर ओपीडी में ले आये। बजरंग गुप्ता निवासी जद्दू परसिया के पैर की हड्डी टूट गई थी। उसने बताया कि मुझे स्ट्रेचर नहीं मिला। दवा भी जितना लिखा है उतना नहीं मिला है। अनूप निवासी रामपुर कारखाना ने बताया कि डेढ़ घंटे से लाइन में खड़ा हूं अभी एक घंटे बाद ही नम्बर आने की संभावना है। बड़हरा निवासी गोलू ने बताया कि काफी देर से लाइन में हूं। एक डाक्टर हैं मरीजों की इतनी भीड़ है देखा जाय कब नम्बर आता है।
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मरीजों की संख्या अधिक होने के चलते परेशानी हो रही है। चिकित्सकों की संख्या सीमित है। फिर भी प्रयास किया जा रहा है कि मरीजों को बेहतर सुविधा दी जाए।
डा.छोटे लाल
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक
जिला अस्पताल