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राजस्व न्यायालयों में मुकदमों का पहाड़

जनपद के राजस्व न्यायालयों में मुकदमों का पहाड़ खड़ा है। हर महीने जितने मुकदमें निस्तारण हो रहे है उतने ही या उससे अधिक मुकदमें हर माह न्यायालयों में पहुंच रहे हैं। ऐसे में मुकदमों का बोझ कम होने की बजाए बढ़ता जा रहा है। आम आदमी को समय से न्याय दिलाने की मंशा पर पानी फिर रहा है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 26 Aug 2019 11:09 PM (IST)Updated: Mon, 26 Aug 2019 11:09 PM (IST)
राजस्व न्यायालयों में मुकदमों का पहाड़
राजस्व न्यायालयों में मुकदमों का पहाड़

देवरिया: जनपद के राजस्व न्यायालयों में मुकदमों का पहाड़ खड़ा है। हर महीने जितने मुकदमें निस्तारण हो रहे है, उतने ही या उससे अधिक मुकदमें हर माह न्यायालयों में पहुंच रहे हैं। ऐसे में मुकदमों का बोझ कम होने की बजाए बढ़ता जा रहा है। आम आदमी को समय से न्याय दिलाने की मंशा पर पानी फिर रहा है। अफसरों के पास न्यायालयों में बैठने की फुर्सत नहीं है। जिसके चलते वादकारी वर्षों से राजस्व न्यायालयों का चक्कर लगाने को मजबूर हैं।

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इनके न्यायालयों में मुकदमों का अंबार

कलेक्ट्रेट स्थित एडीएम वित्त एवं राजस्व के न्यायालय में 783 मामले, डीएम न्यायालय में 215, एडीएम प्रशासन 615 व मुख्य राजस्व अधिकारी 644 मामले लंबित हैं। एएसडीएम प्रथम के न्यायालय में 540 व एएसडीएम द्वितीय 182 मामले लंबित हैं।

सदर एसडीएम 1649, सदर तहसीलदार 2262, सदर तहसीलदार न्यायिक 2007 व सलेमपुर तहसील के एसडीएम 1424, तहसीलदार 1200, तहसीलदार न्यायिक 1880 मामले लंबित हैं। रुद्रपुर तहसील के एसडीएम 1164 व तहसीलदार 1319, बरहज तहसील के एसडीएम 1092 व तहसीलदार 688 मामले लंबित हैं। भाटपाररानी तहसील के एसडीएम 1223, तहसीलदार 956, नायब तहसीलदार 1038 मुकदमें लंबित हैं।

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जुलाई के अंत तक राजस्व न्यायालयों में लंबित कुल मामले-25872

जुलाई में दायर मामले-2424

जुलाई में निस्तारित-2455

पांच वर्ष से अधिक समय से लंबित-1882

तीन वर्ष से अधिक समय से लंबित-3105

एक वर्ष से अधिक समय से लंबित-4543

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तहसीलों में लंबित मामले

देवरिया-8267

सलेमपुर-5498

रुद्रपुर-3630

बरहज-2281

भाटपाररानी-3217

कलेक्ट्रेट के न्यायालयों में लंबित मामले-2979

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-मुकदमों का निस्तारण किया जा रहा है। आए दिन हड़ताल से जनपद में 10 दिन भी न्यायालयों में सुनवाई नहीं हो पाती है। यदि अधिवक्ताओं का सहयोग मिले तो मुकदमों के निस्तारण में तेजी आएगी।

-राकेश कुमार पटेल, एडीएम प्रशासन

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-संपूर्ण समाधान दिवस, चौपाल, भ्रमण दिवस व स्टाफ के साथ बैठक के कारण न्यायालयों में अफसर कम समय देते हैं। फैसला देने में जानबूझकर देरी करते हैं। हड़ताल के कारण भी मुकदमें प्रभावित होते हैं।

-बृजबांके तिवारी, अध्यक्ष, जिला कलेक्ट्रेट बार एसोसिएशन


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