देहात में लो-वोल्टेज बना नासूर, अफसर बेफिक्र
शहर हो या देहात। बिजली की खस्ताहाल व्यवस्था से आम नागरिक त्रस्त हैं। देहात में लो-वोल्टेज नासूर बन गई है। अधिकतर जगहों पर सालों बाद भी लो-वोल्टेज की समस्या दूर नहीं हो पाई है। इसको लेकर न जनप्रतिनिधि गंभीर दिख रहे हैं और न ही अफसर। शासन के दावे की कलई आम नागरिकों ने खोल दी है।
देवरिया : शहर हो या देहात। बिजली की खस्ताहाल व्यवस्था से आम नागरिक त्रस्त हैं। देहात में लो-वोल्टेज नासूर बन गई है। अधिकतर जगहों पर सालों बाद भी लो-वोल्टेज की समस्या दूर नहीं हो पाई है। इसको लेकर न जनप्रतिनिधि गंभीर दिख रहे हैं और न ही अफसर। शासन के दावे की कलई आम नागरिकों ने खोल दी है। कई जगहों पर जर्जर तार व पोल नहीं बदले गए। बार-बार फाल्ट की समस्या बरकरार है। ओवरलोड से बार-बार ट्रांसफार्मर फूंकने की शिकायतें मिली हैं। रविवार को दैनिक जागरण के चर्चित कार्यक्रम हेलो जागरण में लोगों ने अपनी पीड़ा खुलकर व्यक्त की और अफसरों से समस्याओं के निराकरण की मांग की।
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भटनी के बनकटा शिव निवासी मंगलदेव गुप्ता ने बताया कि गांव के अनुसूचित जाति की बस्ती व छोटी गंडक नदी के तरफ रहने वाले लोग लो-वोल्टेज की समस्या से परेशान हैं। विद्युत उपकेंद्र भटनी के लोग ध्यान नहीं दे रहे हैं। देसही देवरिया के भटनी दादन निवासी इदू खान ने बताया कि बिजली की समस्या बरकरार है। नौतन हथियागढ़ निवासी सुशील कुमार वर्मा ने बताया कि गांव में पोल दूर-दूर हैं। तार बार-बार टूटकर गिर जाते हैं। 1984 में विद्युतीकरण हुआ था। अधिकारी जर्जर तार न बदल रहे हैं, न ही पोल लगा रहे हैं। जबकि यह शहीद रामचंद्र विद्यार्थी का गांव है।
हेतिमपुर निवासी विजय मणि त्रिपाठी ने बताया कि लो-वोल्टेज की समस्या तीन साल से बरकरार है। देवरिया जिले में यह गांव पड़ता है जबकि कसया विद्युत उपकेंद्र से जुड़ा है। कई बार आइजीआरएस किया, लेकिन अधिकारी समस्या दूर नहीं कर रहे हैं। रुद्रपुर के मस्जिद वार्ड निवासी सुरेश चंद्र मद्धेशिया ने बताया कि कई सालों से लो-वोल्टेज की समस्या है। मोटर नहीं चलता। बस स्टेशन से चौक तक तार टुकड़े-टुकड़े में जोड़े गए हैं। कई सालों से जर्जर तार बदले नहीं गए। जेई से कहा जाता है, लेकिन वह सुनते नहीं हैं।
रामनाथ देवरिया निवासी स्वतंत्र कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि यूपी पब्लिक स्कूल के पीछे रहता हूं। बांस बल्ली के सहारे केबल ले जाया गया है, जो लटके हुए हैं। जिसे बंदर तोड़ देते हैं। बिजली विभाग की तरफ से पोल का इंतजाम नहीं किया जा रहा है। इसकी शिकायत ऊर्जा मंत्री, डीएम, अधिशासी अभियंता देवरिया से भी कर चुका हूं, लेकिन समस्या जस का तस है।
भागलपुर निवासी प्रहलाद तिवारी ने बताया कि सरकारी ट्यूबवेल के ट्रांसफार्मर से चार पांच गांव को विद्युत आपूर्ति होती है। लकड़ी का पोल जर्जर हो गया है। तार जमीन पर लटक रहे हैं। इससे कभी भी हादसा हो सकता है। सलेमपुर विधायक काली प्रसाद व जेई कुंडौली से भी शिकायत कर चुका हूं, लेकिन ध्यान नहीं दिया गया। तरकुलवा के मुंडेरा बाबू निवासी अमित कुमार गौतम ने बताया कि अनुसूचित जाति की बस्ती में बिजली की समस्या खस्ताहाल है। लो-वोल्टेज की समस्या बनी रहती है।
बैतालपुर के सोहसा निवासी वशिष्ठ राय का कहना है कि मेरी गुलरिहा बाजार में दुकान है। बिजली कटौती से हम लोग आजिज आ चुके हैं। दिन में कभी बिजली नहीं आती। रुद्रपुर के खोरमा निवासी आशाराम तिवारी का कहना है कि लो-वोल्टेज की समस्या है। तार बदलने के लिए काफी प्रयास किया गया, लेकिन तार नहीं लगा।
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ट्रांसफार्मर बदलने के लिए मांगा तीन हजार रुपये
रामपुर कारखाना के रामपुर चंद्रभान निवासी मिथिलेश ¨सह ने बताया कि बिजली कटौती से आजिज आ चुके हैं। बार-बार तार टूटने पर पैसा खर्च करना पड़ता है। ट्रांसफार्मर जल गया है। बिजली विभाग के लोग तीन हजार रुपये मांग रहे हैं। इसके लिए चंदा इकट्ठा किया जा रहा है।
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ट्रांसफार्मर बदलने में देरी से बढ़ी परेशानी
लार मेन बाजार की रहने वाली छात्रा नेहा द्विवेदी बिजली नहीं आने से परेशान हैं। उसका कहना है कि ट्रांसफार्मर बार-बार जल रहा है। ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि नहीं हो रही है। इस ट्रांसफार्मर पर लोड अधिक है। गर्मी से घर में रहना मुश्किल हो गया है। वहीं लार नगर निवासी छात्रनेता साहू विशाल गुप्ता का कहना है कि कटिया कनेक्शन के कारण ट्रांसफार्मर पर लोड अधिक है। इससे बार-बार ट्रांसफार्मर जल जा रहा है। अधिकारी सुनते नहीं हैं।
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