जमाना हाईटेक, जेल के जैमर की क्षमता दशक पुरानी
जमाना हाईटेक होता जा रहा है अपराधी भी अत्याधुनिक असलहे से लेकर अन्य उपकरण का प्रयोग कर रहे हैं लेकिन जिला जेल की व्यवस्था वहीं पुरानी है। मोबाइल नेटवर्क रोकने के लिए जैमर तो लगा है लेकिन उसकी क्षमता एक दशक पुरानी है। जिले में फोर जी मोबाइल नेटवर्क के सामने जैमर बौना हो जाता है और आसानी से जेल के अंदर से मोबाइल के जरिये बातचीत हो जाती है।
देवरिया : जमाना हाईटेक होता जा रहा है, अपराधी भी अत्याधुनिक असलहे से लेकर अन्य उपकरण का प्रयोग कर रहे हैं, लेकिन जिला जेल की व्यवस्था वहीं पुरानी है। मोबाइल नेटवर्क रोकने के लिए जैमर तो लगा है, लेकिन उसकी क्षमता एक दशक पुरानी है। जिले में फोर जी मोबाइल नेटवर्क के सामने जैमर बौना हो जाता है और आसानी से जेल के अंदर से मोबाइल के जरिये बातचीत हो जाती है। इसे लेकर जेल प्रशासन भी परेशान है। जेल प्रशासन का मानना है कि फोर जी नेटवर्क रोकने वाले जैमर के लगने में अभी कुछ समय लग सकता है।
अप्रैल 2017 में बाहुबली नेता अतीक अहमद समेत कई बड़े अपराधियों को देवरिया जेल में शिफ्ट किया गया। इसके बाद जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर ही सवाल खड़े होने लगे। जेल प्रशासन ने अंदर से कोई अपराधी मोबाइल से बात न कर सके, इसके लिए आधा दर्जन मोबाइल जैमर लगाए, ताकि मोबाइल का नेटवर्क ही काम न करें। खास बात यह है कि जेल में जो जैमर लगा है उसकी क्षमता मात्र टू जी नेटवर्क रोकने की है, जबकि जनपद में फोर-जी नेटवर्क चल रहा है। ऐसे में जैमर चालू और बंद होने का असर मोबाइलों पर नहीं पड़ता और आसानी से मोबाइल पर बात होती है। एक साल में जिला कारागार से 50 से अधिक मोबाइल बरामद हो चुकी है। इस बाबत जेल अधीक्षक डीके पांडेय का कहना है कि जैमर की क्षमता बढ़ाने के लिए रिपोर्ट भेजी गई है। उम्मीद है कि जल्द ही क्षमता बढ़ जाएगी।