95 साल के कोटेदार की जेल में बिगड़ी हालत
देवरिया में ईसी एक्ट व सरकारी धन के गबन के मामले में बंद कोटेदार का एक हाथ टूटा है वह चलने व बोलने में असमर्थ है।
देवरिया: आवश्यक वस्तु अधिनियम व सरकारी धन के गबन के मामले में गिरफ्तार 95 वर्षीय कोटेदार की हालत बिगड़ने के बाद जेल प्रशासन ने जिला अस्पताल में भर्ती करा दिया है। साथ ही इसकी रिपोर्ट न्यायालय को भेज दी है। चलने, बोलने में असमर्थ कोटेदार की सुरक्षा में एक सिपाही की ड्यूटी भी नियम के तहत लगाई गई है।
पथरदेवा विकास खंड के गुरमीहा के कोटेदार दशरथ प्रसाद की 20 दिन पूर्व कोटे की दुकान की जांच की गई। जिसमें गड़बड़ी मिली, जिसके बाद प्रशासन ने कोटेदार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसे जेल भेज दिया। जेल में पहुंचने के बाद जेल प्रशासन ने दशरथ की स्थिति देखी और दूसरे दिन ही इसकी रिपोर्ट जिला प्रशासन व न्यायालय को भेज दी। दशरथ की स्थिति चलने व बोलने तक की नहीं है। उसका एक हाथ भी टूटा है। ऐसे में कोटेदार की दुकान का संचालन वह कैसे करते थे? यह भी एक सवाल है। जेल अधीक्षक केपी त्रिपाठी का कहना है कि स्वास्थ्य खराब है। इसलिए जेल आने के कुछ ही दिन बाद बंदी को अस्पताल भेज दिया गया। न्यायालय को इसकी रिपोर्ट भी दे दी गई है। जेल एडीजी ने की वीडियो कांफ्रेसिग से बात
कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को लेकर हर कोई गंभीर है। जेल एडीजी आनंद कुमार ने सोमवार को वीडियो कांफ्रेसिग कर जेल अधीक्षक केपी त्रिपाठी से बात की और जेल में कोरोना को लेकर की गई तैयारी पर चर्चा की गई। लगभग पांच मिनट तक जेल एडीजी ने बात की। बंदी की हुई रिहाई
सरकार ने सात साल से कम की सजा वाली धारा में बंद लोगों को छोड़ने का निर्देश दिया है। इस क्रम में कुशीनगर के एक बंदी को जेल से अंतरिम जमानत पर रिहा किया गया। प्रशासन ने घर तक पहुंचाया।