जनपद में बढ़ रहे कालाजार के मरीज
जनपद में कालाजार के मरीजों की संख्या प्रतिमाह बढ़ रही है, जिससे विभाग के माथे पर ¨चता की लकीरें हैं। हैरत की बात यह है कि कालाजार प्रभावित गांवों में छिड़काव का कार्य छह माह से नहीं हो रहा है, जिससे मक्खी व मच्छरों की बढ़ती तादाद पर अंकुश लगाना मुश्किल हो गया है। उधर जनपद में कालाजार के मरीज लगातार बढ़ रहे हैं, जिसे लेकर विभाग के अधिकारी परेशान हैं
देवरिया : जनपद में कालाजार के मरीजों की संख्या प्रतिमाह बढ़ रही है, जिससे विभाग के माथे पर ¨चता की लकीरें हैं। हैरत की बात यह है कि कालाजार प्रभावित गांवों में छिड़काव का कार्य छह माह से नहीं हो रहा है, जिससे मक्खी व मच्छरों की बढ़ती तादाद पर अंकुश लगाना मुश्किल हो गया है। उधर जनपद में कालाजार के मरीज लगातार बढ़ रहे हैं, जिसे लेकर विभाग के अधिकारी परेशान हैं।
हैरत की बात यह है कि गांवों में इस दिशा में प्रभावी कदम नहीं उठाया जा रहा है। कालाजार से पीड़ित मरीजों का इलाज पहले कुशीनगर होता था, लेकिन अब जिला अस्पताल में भी इनके इलाज की सुविधा इस वर्ष से शुरू हो गई है। यहां मरीजों को भर्ती कर इलाज किया जा रहा है। जनवरी 2018 से 31 अक्टूबर तक जनपद में 33 मरीज पाए गए हैं। बिहार सीमा के गांवों से मरीज सर्वाधिक निकल रहे हैं। बालू मक्खी कालाजार की वाहक है। वह नमी वाले स्थानों व दीवारों की दरारों में रहती हैं।
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कालाजार का लक्षण व सावधानियां
कालाजार बालू मक्खी के काटने से फैलता है। दो सप्ताह से अधिक बुखार आना, मरीज का पेट बाहर निकल जाना और हाथ-पैर पतला हो जाना कालाजार का प्रमुख लक्षण है। लीवर ठीक से कार्य नहीं करता है। मरीज को भूख नहीं लगती है। इससे बचाव के लिए कच्चे घर की दीवारों व सीलन वाली पक्की दीवारों के छेद को बंद कर दें। सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें। फुल आस्तीन वाले कपड़े पहनें। लक्षण दिखने पर तत्काल सरकारी अस्पताल में चिकित्सक से संपर्क करें।
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सात ब्लाक प्रभावित, बनकटा ब्लाक में सर्वाधिक मरीज
जनपद के सात ब्लाक कालाजार से प्रभावित हैं, जिसमें बिहार सीमा से सटे ब्लाक के गांवों में सर्वाधिक मरीज निकल रहे हैं। जनपद के प्रभावित ब्लाकों व पीएचसी में बनकटा, भाटपाररानी, भटनी, भलुअनी, देसही देवरिया, पथरदेवा, महेन शामिल है। इसमें कुल मरीजों में अकेले बनकटा ब्लाक से 19 मरीज निकले हैं। यह ¨चता का विषय है।
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जिला मलेरिया विभाग की टीम प्रभावित गांवों का एक्टिव सर्वे कर रही है। गांवों में मरीजों का लक्षण के आधार पर जांच भी कराई जा रही है। लोगों को कालाजार के लक्षण व बचाव के बारे में भी जानकारी दी जा रही है। शासन स्तर से ही पिछले अप्रैल से आइआरएस का छिड़काव कार्य किसी कारणवश बंद कर दिया है। बावजूद इसके हम लोग प्रभावित गांवों में बेहतर कार्य कर रहे हैं।
-डा.चंद्र प्रकाश मिश्र, सहायक मलेरिया अधिकारी, देवरिया
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