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कांवेंट स्कूल के बैंक खातों पर आयकर विभाग की नजर

जिला प्रशासन को सभी सूचनाए ंउपलब्ध कराई गई

By JagranEdited By: Published: Mon, 03 Sep 2018 11:03 PM (IST)Updated: Mon, 03 Sep 2018 11:03 PM (IST)
कांवेंट स्कूल के बैंक खातों पर आयकर विभाग की नजर

देवरिया: शहर के सीसी रोड स्थित जीवन मार्ग सोफिया सेकेंड्री स्कूल (कांवेंट स्कूल) के बैंक खातों पर आयकर विभाग की नजर है। आयकर विभाग के ज्वाइंट कमिश्नर लखनऊ ने पैन नंबर, सभी बैंक खाते, ट्रस्ट व सोसाइटी का नाम व पता समेत कई ¨बदुओं पर सूचना मांगी है, जिसके क्रम में डीएम के निर्देश पर विद्यालय की प्रधानाचार्य ने सूचना उपलब्ध करा दी है। आयकर विभाग की तरफ से सूचना मांगे जाने पर विद्यालय प्रशासन में हड़कंप मच गया है।

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जिला प्रशासन कांवेंट स्कूल की मनमानी को लेकर पहले ही सख्त है। अब आयकर विभाग की नजर होने से विद्यालय की मुश्किलें बढ़ गई हैं। आयकर विभाग की विद्यालय की आमदनी पर नजर है। आयकर विभाग के ज्वाइंट कमिश्नर जयनाथ वर्मा ने जिलाधिकारी को नौ अगस्त को पत्र लिखकर पांच ¨बदुओं पर सूचनाएं मांगी हैं, जिसमें क्रम में विद्यालय की तरफ से जिला प्रशासन को पत्र लिखकर जानकारी उपलब्ध कराई गई है। विद्यालय की प्रधानाचार्य सिस्टर ¨सथिया ने अवगत कराया है कि निर्मला एजुकेशनल सोसाइटी अजमेर ब्रांच द्वारा जीवन मार्ग सोफिया सेकेंड्री स्कूल देवरिया संचालित है। इसकी सचिव सिस्टर ¨सथिया व कोषाध्यक्ष सिस्टर हेलन हैं। उन्होंने पैन नंबर भी अवगत कराया है। इसके अलावा सोसाइटी के बैंक खाता संख्या के अलावा केजी, प्राइमरी व सेकेंड्री सेक्शन के फीस जमा होने वाले खातों का विवरण उपलब्ध कराया है। इस संबंध में अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व सीताराम गुप्त ने बताया कि आयकर विभाग ने जीवन मार्ग सोफिया सेकेंड्री स्कूल के बैंक खाता, पैन नंबर आदि जानकारी मांगी है, जिसे जल्द ही भेज दिया जाएगा।

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पट्टा निरस्त करने के लिए शासन में लंबित मामला

देवरिया: जीवन मार्ग सोफिया सेकेंड्री स्कूल की मनमानी के खिलाफ तत्कालीन जिलाधिकारी सुजीत कुमार ने पट्टा निरस्त करने के लिए आवास एवं शहरी नियोजन अनुभाग चार के प्रमुख सचिव को पत्र लिखा था। यह प्रकरण अभी शासन में लंबित है। दरअसल, निर्धन वर्ग के उत्थान व शिक्षा सुविधा प्रदान करने के लिए इस विद्यालय की स्थापना की गई थी। 1973 में शासन ने 1.96 एकड़ व 1981 में 4.76 एकड़ नजूल की भूमि का नियमों व शर्तों के आधार पर 90 वर्ष के लिए विद्यालय के नाम पट्टा कर दिया। नवीनीकरण 30-30 वर्ष भी किया गया। दरअसल, मनमानी की शिकायत पर तत्कालीन डीएम ने एसडीएम सदर की अध्यक्षता में बीएसए, तहसीलदार सदर, अधिशासी अधिकारी नगर पालिका देवरिया व सहायक अभियंता नगर पालिका की चार सदस्यीय टीम ने पांच ¨बदुओं की जांच की थी। जिसमें कई खामियां सामने आई थी। विद्यालय प्रबंधन द्वारा गरीब वर्ग के उत्थान के लिए शिक्षा सुविधा के विस्तार के लिए कोई कदम नहीं उठाने, पट्टे में दिए गए शर्तों का बार-बार उल्लंघन करने, बिना डीएम की अनुमति व बिना मानचित्र स्वीकृत कराए विद्यालय परिसर में अनेकों बार निर्माण कराने, अध्यापकों द्वारा बच्चों को ट्यूशन पढ़ाकर अनुचित ढंग से आर्थिक लाभ अर्जित करने की पुष्टि हुई थी।

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