महिला बंदी की न्यायिक जांच रिपोर्ट उपलब्ध न होने पर मानवाधिकार आयोग खफा
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग नई दिल्ली ने महिला बंदी की मौत के मामले में न्यायिक जांच रिपोर्ट उपलब्ध नहीं कराने पर नाराजगी जाहिर की है। आयोग ने जिलाधिकारी को समन जारी करते हुए 21 अगस्त तक जांच रिपोर्ट उपलब्ध कराने को कहा है।
देवरिया: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग नई दिल्ली ने महिला बंदी की मौत के मामले में न्यायिक जांच रिपोर्ट उपलब्ध नहीं कराने पर नाराजगी जाहिर की है। आयोग ने जिलाधिकारी को समन जारी करते हुए 21 अगस्त तक जांच रिपोर्ट उपलब्ध कराने को कहा है। साथ ही चेतावनी दी है कि 21 अगस्त तक जांच रिपोर्ट उपलब्ध नहीं कराने पर 27 अगस्त को आयोग के समक्ष व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होना होगा।
कुशीनगर जनपद के अमवा बुजुर्ग टोला मठिया निवासी पतिया देवी पत्नी वंशराज जिला कारागार में बंद थी। तबीयत खराब होने पर उसे केजीएमयू लखनऊ ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान 14 जून 2017 को मौत हो गई। मृत्यु प्रकरण की न्यायिक जांच एसीजेएम सिविल जज सीनियर डिवीजन कुशीनगर पडरौना द्वारा की जा रही है। न्यायिक जांच रिपोर्ट उपलब्ध न होने पर जिला कारागार के अधीक्षक ने तीन सितंबर 2018 व सात मार्च 2019 को पत्र लिखकर अनुरोध किया था। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी 27 फरवरी को डीएम देवरिया को पत्र लिखकर चार सप्ताह में रिपोर्ट उपलब्ध कराने को कहा। जिला कारागार के अधीक्षक ने सात मार्च को जांच अधिकारी को पत्र लिखकर अवगत कराया। आयोग ने 12 जुलाई को डीएम को समन जारी किया है। आयोग ने मजिस्ट्रीयल जांच रिपोर्ट 21 अगस्त तक उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। साथ ही कहा है कि रिपोर्ट उपलब्ध न होने पर 27 अगस्त को जिलाधिकारी व्यक्तिगत रूप से स्वयं आयोग के समक्ष उपस्थित हों।
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-राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने डीएम देवरिया के नाम समन जारी किया है। इसको देखते हुए जांच अधिकारी को पुन: पत्र लिखकर जांच रिपोर्ट उपलब्ध कराने के लिए अनुरोध किया गया है।
केपी त्रिपाठी, अधीक्षक, जिला कारागार देवरिया।
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