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व्यापार, व्यवहार व नवाचार की भाषा बनी हिदी

देवरिया में विश्व हिदी दिवस पर इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय के कुलपति ने कहा हिदी विश्व में तीसरे नंबर की भाषा है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 10 Jan 2020 11:20 PM (IST)Updated: Fri, 10 Jan 2020 11:20 PM (IST)
व्यापार, व्यवहार व नवाचार की भाषा बनी हिदी
व्यापार, व्यवहार व नवाचार की भाषा बनी हिदी

देवरिया: इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक मध्यप्रदेश के कुलपति प्रो. श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी ने कहा कि भारत अपनी संस्कृति, विशेषता व लैंगिक समानता के लिए पूरे विश्व में जाना जाता है। संपूर्ण भाषा के रूप में हिदी को बढ़ाने का प्रयास चल रहा है। हिदी व्यापार, व्यवहार व नवाचार की भाषा बन चुकी है। इसलिए इसका विकास रुक नहीं सकता। वह शुक्रवार को नागरी प्रचारिणी सभा के तत्वावधान में विश्व हिदी दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

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डा.अरुणेश नीरन ने कहा कि हिदी आज विश्व में तीसरे नंबर की भाषा बन चुकी है। मारीशस में विश्व हिदी सचिवालय की स्थापना हो चुकी है। बाजार को नियंत्रित करने के लिए हर जगह हिदी सिखाई जा रही है। प्रो. ऊषा श्रीवास्तव ने कहा कि नई पीढ़ी में हिदी के अध्ययन के प्रति लालसा नहीं है। हिदी तब सशक्त होगी जब नारी जाति को सम्मान मिलेगा। इस मौके पर संयोजक मधुसूदन मणि, आचार्य परमेश्वर जोशी, इंद्र कुमार दीक्षित, डा.भावना सिन्हा, डा.जयनाथ मणि, सुधाकर मणि, बृजेश पांडेय एडवोकेट, गोपाल कृष्ण सिंह, डा.मिथिलेश सिंह, माधव सिंह, रमेश सिंह, रविद्र प्रताप मल्ल आदि मौजूद रहे।

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हिदी हमारे ललाट की बिदी

लार, देवरिया: नगर स्थित मीडिया सेंटर पर शुक्रवार को विश्व हिदी दिवस मनाया गया, जिसमें वक्ताओं ने कहा कि हिदी हमारे ललाट की बिदी है। यह मिटेगी तो चेहरा वैधव्य जैसा दिखेगा। शिक्षक नेता पं. राघव शरण तिवारी ने कहा कि हिदी हमारी मातृभाषा है। यह जितनी समृद्ध होगी, हम उतने सुखी होंगे। प्राथमिक शिक्षक संघ के ब्लॉक अध्यक्ष गोविद मिश्र ने कहा कि हिदी दुनिया के 30 से अधिक देशों में पढ़ी-पढ़ाई जाती है। इस अवसर पर अंकित, पुनीत पांडेय, राम उग्रह पांडेय, सच्चिदानंद आदि मौजूद रहे।

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एक सूत्र में पिरोकर रखने की महान शक्ति

भाटपाररानी: क्षेत्र के बापू कृषक इंटर कालेज कड़सरवा बुजुर्ग के प्रांगण में विश्व हिदी दिवस मनाया गया। प्रधानाचार्य डा.विनय कुमार पांडेय ने कहा कि हिदी राष्ट्र की आत्मा है। यह भाषा ही नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति भी है। इस मौके पर कवि मकसूद अहमद भोपतपुरी, राजेंद्र यादव, वशिष्ठ यादव, रमाकांत यादव, संदीप कुमार आदि मौजूद रहे।


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