युवाओं की दिलचस्पी से बढ़ेगी हरियाली
देवरिया में 14 से 25 वर्ष आयुवर्ग के युवाओं ने कम पौधे लगाए हैं।
देवरिया: पर्यावरण को बचाने की जिम्मेदारी हमारी भी है। हम पौधे लगाएं और कुदरत की धरोहर को बचाएं। लेकिन हमारी युवा पीढ़ी हरियाली बचाने के प्रति उदासीन है। एक सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है। पौधे लगाने में 25 वर्ष से कम आयु वर्ग के युवाओं की दिलचस्पी कम दिख रही है।
इनकी कहानियां दे रही प्रेरणा
कुशहरी गांव के सुधाकर पांडेय कहते हैं कि मुजहना लाला व गुद्दीजोर में करीब 10 एकड़ में फैला पुराना बगीचा है, जहां मेला भी लगता है। जिसे उनके परदादा ने तैयार किया था। इस बगीचे से चार पीढि़यां लाभ उठा रही हैं। इस बगीचे में करीब 250 पुराने पेड़ हैं, इनमें आम, लीची, बेल आदि शामिल है। कुछ पुराने पेड़ सूख गए। उनकी जगह पर करीब 60 पौधे लगाए गए हैं। तीन बगीचा बरियारपुर चौराहे के पास खजुरिया गांव में है। 20 से 25 वर्ष में यह बागीचे तैयार हुए हैं।
सुधाकर पांडेय के मुताबिक पुराने बगीचे व खजुरिया के एक बगीचे से करीब पांच से सात लाख रुपये आमदनी होती है। आनंदनगर घोरटप निवासी दीनदयाल तिवारी के 50 डिसमिल क्षेत्रफल में फैले बगीचे में आम, कटहल, आंवला, अशोक, नीम व पीपल के पेड़ हैं। बगीचे से हर वर्ष 40 से 50 हजार रुपये की आमदनी होती है। कई बार घर में जरूरत के समय यह बागीचा काम आया है।
यह है सर्वे सैंपल
सर्वे सैंपल के आंकड़े बताते हैं कि 25 वर्ष से कम आयु वर्ग के 56 फीसद, 26 से 45 वर्ष आयु वर्ग के 44 फीसद और 45 से 65 आयु वर्ग के 36 फीसद लोगों ने पौधे लगाने में कोई रूचि नहीं दिखाई। इन लोगों ने एक भी पौधे नहीं लगाए।
पौधों की संख्या आयु वर्ग के अनुसार
आयु वर्ग व्यक्तियों की संख्या रोपित पौधे शून्य पौधे लगाए
14 से 25 वर्ष 75 375 42
26 से 45 वर्ष 75 455 33
46 से 65 वर्ष 50 498 18