जेल में नहीं बढ़ी जैमर की क्षमता
2017 में देवरिया जेल की गिनती हाइप्रोफाइल जेल में होने लगी। कारण यह है कि नैनी जेल से बाहुबली अतीक अहमद को शिफ्ट कर दिया गया।
देवरिया: जिला कारागार में मोबाइल नेटवर्क रोकने के लिए जैमर तो लगाए गए हैं, लेकिन वह शो-पीस बनकर रह गए हैं। जैमर की क्षमता केवल टू-जी मोबाइल नेटवर्क रोकने की है, जबकि इस समय जिले में फोर जी नेटवर्क संचालित हो रहा है। जेल प्रशासन ने शासन में कई बार लिखा-पढ़ी की, लेकिन अभी भी क्षमता बढ़ाने के लिए शासन की तरफ से कोई पहल नहीं की गई है। ऐसे में जेल के अंदर से मोबाइल पर बात होती रहती है। हालांकि जेल प्रशासन का दावा है कि जल्द ही इसकी क्षमता में बढ़ोत्तरी हो जाएगी।
2017 में देवरिया जेल की गिनती हाइप्रोफाइल जेल में होने लगी। कारण यह है कि नैनी जेल से बाहुबली अतीक अहमद को शिफ्ट कर दिया गया। इसके बाद तो इस जेल की सारी व्यवस्थाएं चंद दिनों में ही टूट गई। जिसको जब मन करे जेल के अंदर प्रवेश करता और मोबाइल से बात भी करता। इसको देखते हुए पीएसी लगाई गई और आधा दर्जन मोबाइल जैमर लगाए गए। जिले में फोर जी मोबाइल नेटवर्क चल रहे हैं। जिसके चलते जेल के अंदर से भी अपराधी आसानी से मोबाइल पर बात करते हैं। कई बार जेल के अंदर से मोबाइल भी बरामद हो चुका है। जेल अधीक्षक केपी त्रिपाठी ने कहा है कि कई बार दिल्ली से टीम भी आकर इसकी जांच कर चुकी है। क्षमता बढ़ाने के लिए पत्र व्यवहार किया गया है। उम्मीद है कि जल्द ही क्षमता बढ़ा दी जाएगी।