शहर में नासूर बन गई जलभराव की समस्या
देवरिया में ड्रेनेज सिस्टम की नालियां ध्वस्त होने से सड़क पर पानी बहता है।
देवरिया: शहर में ड्रेनेज सिस्टम का दम निकल गया है। नालियां ध्वस्त हैं तो घरों से निकलने वाला पानी सड़क पर बह रहा है। प्रशासन की तरफ से ठोस प्रयास न होने से जल निकासी की समस्या नासूर बन गई है। इसके लिए बड़ी परियोजनाओं की जरूरत महसूस की जा रही है।
शहर में 30 नाले बने हैं। इन नालों में कई की हालत दयनीय है। वहीं नालियों की बात करें तो साकेतनगर पूर्वी, उमानगर, रामनाथ देवरिया, न्यू कालोनी, चकियवां, भुजौली कालोनी, राम गुलाम टोला, राघवनगर समेत कई जगहों पर नालियां टूटी हैं। बारिश होते ही नालियां ओवर फ्लो हो जाती है।
धीमा हो गया है कुर्ना नाला का बहाव
कुर्ना नाला उत्तरी छोर पर शहर की सीमा से होकर गुजरता है। पहले इस नाले की चौड़ाई व गहराई काफी अधिक थी, जिससे बारिश का पानी आसानी से निकल जाता था। कितु अफसरों की अनदेखी के चलते लोगों ने नाला पर अतिक्रमण कर मकान बना लिया। अवैध कब्जा के चलते नाले की चौड़ाई सिकुड़ गई। सिल्ट पटने से गहराई भी घटी। नाले के जल निकासी की क्षमता कम होने से नाला ओवरफ्लो होता है। जिससे अली नगर, शहीद नगर, सोमनाथ नगर, पिड़रा, साकेत नगर, रामनाथ देवरिया पश्चिमी आदि मोहल्ले घिरे रहते हैं। लोगों को घर छोड़कर भागना पड़ा।
सीसी रोड के नाले से जुड़े कुर्ना नाला, तब बने बात
सीसी रोड स्थित नाले को कुर्ना नाला से जोड़ने के लिए करीब दो किमी नाला निर्माण की आवश्यकता है लेकिन जनप्रतिनिधियों की उदासीनता से नाला निर्माण के लिए प्रयास नहीं किए गए। जिसके चलते बारिश में उमानगर कई महीने तक पानी से घिरा रहता है। वहीं राम गुलाम टोला पूर्वी का बड़ा हिस्सा जलनिकासी न होने के कारण डूबा रहता है। इस बार भी करीब एक माह से दुश्वारियां बरकरार हैं।
ईओ सत्यप्रकाश सिंह ने कहा कि जबतक शहर के पूरब व दक्षिण पश्चिम तरफ नाला निर्माण नहीं कराया जाएगा तब तक जलनिकासी की समस्या बनी रहेगी। इसके लिए बड़ा बजट चाहिए। इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं।